फाइल फोटो
जोधपुर:
स्वदेश निर्मित पिनाक मार्क-2 रॉकेट के आधुनिक संस्करण का शनिवार को पोखरण के पास सेना की चंदन फायरिंग रेंज से मल्टी-बैरल लांचर का इस्तेमाल करते हुए सफल परीक्षण किया गया।
रक्षा सूत्रों ने कहा, 'भारत-पाक सीमा के पास पोखरण क्षेत्र फायरिंग रेंज में पिनाक मार्क-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। प्रक्षेपण बिंदु से 55 किलोमीटर दूर स्थित केरू क्षेत्र में सफलतापूर्वक लक्ष्य पर निशाना साधा गया।'
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर में अनेक विशेषताएं हैं।
सूत्रों के अनुसार, 'सेना और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों द्वारा पश्चिमी राजस्थान में पोखरण रेंज में चल रहे परीक्षण सॉफ्टवेयर के उन्नत संस्करण के साथ पिनाक मार्क-2 शस्त्र प्रणाली के आधुनिक स्तर के परीक्षण के लिए किया गया।'
उन्होंने कहा कि परीक्षण जारी रहेंगे और रॉकेट को किसी भी समय सेवा में लिया जा सकता है। पिनाक-1 को पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है।
रक्षा सूत्रों ने कहा, 'भारत-पाक सीमा के पास पोखरण क्षेत्र फायरिंग रेंज में पिनाक मार्क-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। प्रक्षेपण बिंदु से 55 किलोमीटर दूर स्थित केरू क्षेत्र में सफलतापूर्वक लक्ष्य पर निशाना साधा गया।'
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर में अनेक विशेषताएं हैं।
सूत्रों के अनुसार, 'सेना और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों द्वारा पश्चिमी राजस्थान में पोखरण रेंज में चल रहे परीक्षण सॉफ्टवेयर के उन्नत संस्करण के साथ पिनाक मार्क-2 शस्त्र प्रणाली के आधुनिक स्तर के परीक्षण के लिए किया गया।'
उन्होंने कहा कि परीक्षण जारी रहेंगे और रॉकेट को किसी भी समय सेवा में लिया जा सकता है। पिनाक-1 को पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है।
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