
नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ गुजरात के कुछ हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यहां दूरसंचार सेवाओं पर पाबंदी लगाने के लिए पुलिस को अधिकार दिया गया है. राज्य सरकार ने शुक्रवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) (इंटेलिजेंस) को जरूरत पड़ने पर टेलीकॉम सेवाओं को निलंबित करने के लिए अधिकृत किया है. गृह विभाग के एक आदेश में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनोज शशिधर को 20 दिसंबर से 22 दिसंबर तक तीन दिनों के लिए ये अस्थाई अधिकार मिला है. आदेश के तहत "सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति में" एडीजीपी (इंटेलिजेंस) दूरसंचार सेवाओं को निलंबित करने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी कर सकते हैं.
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सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन गुरुवार को अहमदाबाद और कुछ अन्य इलाकों में हिंसक हो गया. शशिधर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि आदेश का मतलब यह नहीं है कि सरकार सभी दूरसंचार सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. उन्होंने बताया कि आदेश में कहा गया है कि यह "राज्य में वर्तमान कानून और व्यवस्था की स्थिति" और 2017 के टेम्परेरी सस्पेंशन ऑफ टेलीकॉम सर्विसेज (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियमों के तहत जारी किया गया है.''
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इसी बीच शशिधर ने उन अफवाहों का खंडन किया जिसमें कहा जा रहा था कि राज्य में बीजेपी सरकार मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, "यह आदेश केवल मुझे अधिकार देता है कि जरूरत पड़ने पर ऐसा आदेश जारी किया जाए. मोबाइल या इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय लेने की अभी कोई जरूरत नहीं है. स्थिति बहुत सामान्य है."
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