पठानकोट हमले का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के मुद्दे पर भारत सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि पाकिस्तान को आतंकवादियों पर कार्रवाई करनी होगी तभी बातचीत का रास्ता खुलेगा। 2 जनवरी को पठानकोट के एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के रिश्तों में खटास पैदा हो गई थी। विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि आतंकी हमले की घटना के बाद यह साफ है कि हमें किस बात को ज्यादा तवज्जो देना चाहिए, आतंकी हमला या बातचीत।
भारत ने पठानकोट हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर आरोप लगाया है। भारत ने इस संबंध में तमाम सबूत भी दिए हैं। बता दें कि सीमापार से आए छह आतंकियों ने पठानकोट के वायुसेना एयरबेस पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जैश ए मोहम्मद पर कार्रवाई के लिए कहा था।
इस हमले के बाद से भारत ने साफ कर दिया था बातचीत से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान आतंकवादियों पर रोक लगाए। भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए नई तारीखों के बारे में निर्णय करने से पहले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान से कहा है।
सूत्र बता रहे हैं कि बातचीत का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि पठानकोट एयरबेस पर हमले में पाकिस्तान की जांच का निष्कर्ष क्या आता है। पाकिस्तान में पांच सदस्यीय जांच दल बनाया गया है जो उम्मीद है इस महीने के अंत में भारत का दौरा करे।
मंगलवार को पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को भारतीय जांच एजेंसियों को उपलब्ध करा सकते हैं, लेकिन पहले अपनी जांच पूरी करेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि पहले हम अपनी जांच पूरी कर ले और देखेंगे कि क्या उसने (मसूद) कुछ गलत किया। अगर ऐसा हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अजीज ने कहा कि पाकिस्तान ने पठानकोट के मामले तुरंत कार्रवाई की थी। हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर इस मामले पर सहयोग करने की बात कही थी। पिछले महीने, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस हमले के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में जैश प्रमुख का नाम नहीं है।
2 जनवरी को भारत के पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर छह आतंकियों ने हमला किया था जिसमें सुरक्षाबलों के छह लोग शहीद हो गए थे। यह मुठभेड़ करीब तीन दिनों तक चली थी।
भारत ने पठानकोट हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर आरोप लगाया है। भारत ने इस संबंध में तमाम सबूत भी दिए हैं। बता दें कि सीमापार से आए छह आतंकियों ने पठानकोट के वायुसेना एयरबेस पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जैश ए मोहम्मद पर कार्रवाई के लिए कहा था।
इस हमले के बाद से भारत ने साफ कर दिया था बातचीत से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान आतंकवादियों पर रोक लगाए। भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए नई तारीखों के बारे में निर्णय करने से पहले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान से कहा है।
सूत्र बता रहे हैं कि बातचीत का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि पठानकोट एयरबेस पर हमले में पाकिस्तान की जांच का निष्कर्ष क्या आता है। पाकिस्तान में पांच सदस्यीय जांच दल बनाया गया है जो उम्मीद है इस महीने के अंत में भारत का दौरा करे।
मंगलवार को पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को भारतीय जांच एजेंसियों को उपलब्ध करा सकते हैं, लेकिन पहले अपनी जांच पूरी करेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि पहले हम अपनी जांच पूरी कर ले और देखेंगे कि क्या उसने (मसूद) कुछ गलत किया। अगर ऐसा हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अजीज ने कहा कि पाकिस्तान ने पठानकोट के मामले तुरंत कार्रवाई की थी। हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर इस मामले पर सहयोग करने की बात कही थी। पिछले महीने, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस हमले के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में जैश प्रमुख का नाम नहीं है।
2 जनवरी को भारत के पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर छह आतंकियों ने हमला किया था जिसमें सुरक्षाबलों के छह लोग शहीद हो गए थे। यह मुठभेड़ करीब तीन दिनों तक चली थी।
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