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सैयद जबीउद्दीन उर्फ अबू जिंदाल का कानून से पहली बार आमना सामना 22 साल की उम्र में हुआ था जब वर्ष 2003 में उसे कथित रूप से एक महिला पर तलवार से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र पुलिस के सूत्रों ने इस घटना को याद करते हुए कहा कि वर्ष 2008 में मुम्बई में हमला करने वाल पाकिस्तानी आतंकवादियों के गिरफ्तार सरगना जबीउद्दीन ने फातिमा शेख जलील पर तलवार से हमला किया और उसे जलाने का भी प्रयास किया था।
उस समय की जांच के अनुसार दहेज को लेकर जलील और जबीउद्दीन के परिवार के आरोप प्रत्यारोप इसका कारण था।
महाराष्ट्र के बीड़ जिले के निवासी जबीउद्दीन ने उस वक्त पुलिस से कहा था कि फतीमा का परिवार उसकी चचेरी बहन की शादी के सिलसिले में उसके पिता से दहेज मांग कर रहा है।
उस मामले (हमले के मामले) में जबीउद्दीन को गिरफ्तार किया गया और उसे जेल भेज दिया गया। एक सत्र अदालत ने उसे इस शर्त पर जमानत दी कि वह सभी तिथियों पर पेश होगा।
लेकिन कुछ सप्ताह के बाद जबीउद्दीन अदालत की तिथियों पर कभी पेश नहीं हुआ और अदालत के समन का तबतक कोई जवाब नहीं मिला जबतक वर्ष 2006 में महाराष्ट्र पुलिस को एहसास हुआ कि जबीउद्दीन पाकिस्तान से अपनी आतंकवादी गतिविधि चलाने वाले लश्कर ए तैयबा का एक महत्वपूर्ण सदस्य बन गया है।
वर्ष 2006 में जबीउद्दीन को औरंगाबाद में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया लेकिन वह अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गया।
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