गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फ्लेयरो ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे में लिखा है, 'उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है, 'उन्हें ना तो कोई उम्मीद दिखती है और ना ही पार्टी के पतन को रोकने के लिए कोई इच्छाशक्ति.' साथ ही फ्लेयरोने यह भी कहा कि कांग्रेस 'वही पार्टी नहीं रही, जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी थी.' 70 वर्षीय फ्लेयरो टीएमसी पार्टी के साथ जा सकते हैं, उन्होंने टीएमसी प्रमुख और बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ भी की है.
अपने पत्र में, उन्होंने उसका भी जिक्र किया है, जब कांग्रेस के पास साल 2017 में गोवा में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक थे, लेकिन उन्हें प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि इस फैसले की चुकानी पड़ी थी और जिसकी वजह से भाजपा ने हेरफेर और लालच के जरिए अपनी सरकार बना ली.
इससे पहले के घटनाक्रम में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता लुइजिन्हो फ्लेयरो ने सोमवार को राज्य विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने से कुछ मिनट पहले फ्लेयरो ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की प्रशंसा की और कहा कि देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए उनके जैसे नेता की जरूरत है.
फ्लेयरो नवेलिम विधानसभा सीट से विधायक थे. उन्हें अगले साल होने वाले राज्य चुनावों के मद्देनजर गोवा कांग्रेस की प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था. फ़लेयरो ने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर को अपना इस्तीफा सौंपा.
फ्लेयरो के इस्तीफे के साथ 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर चार हो गई है. 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में कई विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. जुलाई 2019 में, 10 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे.
बात पते की : क्या तृणमूल कांग्रेस ही असली कांग्रेस है?
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