यह ख़बर 03 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

अभिज्ञान का प्वाइंट : खतरे में है केजरीवाल सरकार?

नई दिल्ली:

इस बात में कोई शक नहीं है कि लोग अब सीधे तौर पर यह जानना चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल क्या कहते हैं, क्या करते हैं और आगे क्या करेंगे? लोग यह भी जानना चाहते हैं कि यह सरकार कितने दिन चल सकती है।

तीसरे प्वाइंट पर यह स्पष्ट करना जरूरी होगा कि यह सरकार तब तक चलेगी जब तक कांग्रेस चाहेगी। कांग्रेस ने इस सरकार को समर्थन देने की चिट्ठी 13 दिसंबर को दी थी। जब तक कांग्रेस इसी चिट्ठी के उलट समर्थन वापस लेने की चिट्ठी नहीं देती है, तब तक यह सरकार चलेगी।

इसमें एक और तस्वीर बीजेपी के अविश्वास मत लाने से जुड़ी है, लेकिन ऐसा अगले छह महीने बाद ही संभव हो सकता है, क्योंकि विधानसभा का सत्र छह महीने के बाद होगा, यानी कि अगर आम आदमी पार्टी के विधायकों की संख्या किसी भी कारण से कम होती है और वह अल्पमत में आ जाती है तो यह एक विशेष परिस्थिति होगी। इसलिए सरकार गिराने की परिस्थितियां बहुत विशेष बनती हैं।

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अब आरोप यह लग रहा है कि ऐसी कोशिशें की जा रही हैं और यह भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हो रहा है, जिस बात को बीजेपी ने सिरे से खारिज किया है। बाकि के तीन विधायक भी जिन्होंने पहले केजरीवाल का विरोध किया था, उनमें से शोएब इकबाल और रामबीर शौकीन कहते हैं कि उनकी मांगे मान ली गर्इ हैं और वे समथर्न जारी रखेंगे। तो आइए जरा देखते हैं कि हकीकत में कोई खतरा है अरविंद केजरीवाल की सरकार को या नहीं, वह अरविंद केजरीवाल जो तमाम मसलों पर अपने स्टैंड और बयान अपनी सहूलियत के हिसाब से बदलते रहे हैं।