
नई दिल्ली:
पंजाब की राजनीति में आम आदमी पार्टी से जुड़े नेताओं की आपस में फूट के बीच पार्टी के लिए अच्छी खबर भी आई है. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता जगमीत सिंह बरार आम आदमी पार्टी के साथ आ गए हैं.
पिछले कुछ दिनों में आप नेताओं ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के चलते पार्टी के पंजाब इकाई के संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को पद से हटा दिया. सुच्चा सिंह पर टिकट के लिए पैसे लेने के आरोप तक लगे. वहीं दिल्ली में पार्टी का एक विधायक सैक्स स्कैंडल के आरोप में जेल में बैठा है. ऐसे में यह खबर पार्टी के लिए राहत लेकर आई है.
सूत्र बता रहे हैं कि बरार की आम आदमी पार्टी में एंट्री का पूरा काम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की देन है.
माना जा रहा है कि जगमीत सिंह बरार, जो कि कांग्रेस के पूर्व नेता रहे हैं, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. कहा जा रहा है कि वह अभी केजरीवाल की पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल नहीं होंगे और यह एक चुनावी गठजोड़ होगा. बरार के समर्थकों को पार्टी कितने टिकट देगी अभी इस बारे में बातचीत चल रही है.
रिपोर्टों के अनुसार इन सारी बातचीतों का जरिया बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही हैं. ममता बनर्जी काफी समय से बरार को जानती रही हैं जब वह कांग्रस में थीं. बरार भी ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इस समारोह में शामिल होने के लिए अरविंद केजरीवाल भी गए थे.
57 वर्षीय बरार को कांग्रेस पार्टी से तब निकाल दिया गया था जब अप्रैल में उन्होंने खुलेआम कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना की थी. अमरिंदर सिंह पार्टी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी बताए जा रहे हैं. इससे पहले बरार ने गांधी परिवार को आम चुनाव में मिली करारी हार के लिए जिम्मेदार बताया था.
हाल के महीनों में बरार की जनसभाओं में काफी संख्या में लोग पधारे थे. कहा जाता है कि पंजाब के दक्षिणी इलाके मालवा में बरार की अच्छी पकड़ है. राजनीतिक जानकार यह भी कहते हैं कि राज्य की अकाली बीजेपी सरकार पर युवाओं को रोजगार न दे पाने के लिए चलाई गई अपनी मुहिम के चलते बरार ने युवाओं के बीच अच्छी पकड़ बना रखी है. इसी के साथ नशे के विरोध में भी जगमीत सिंह बरार काफी मुखर रहे हैं. 1999 के आम चुनाव में में बरार ने वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को फरीदकोट सीट से हराया था.
पिछले कुछ समय तक आम आदमी पार्टी को राज्य में काफी अच्छी पार्टी समझा जा रहा था, आम चुनाव में पंजाब ही केवल ऐसा राज्य था जहां से पार्टी को चार सीटें हासिल हुई थीं और पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा करते रहे हैं. लेकिन, अगस्त महीने में एक स्टिंग में राज्य के संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर पर टिकट के लिए पैसों का सौदा करने का आरोप लगा, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया. सुच्चा सिंह को हटाकर पार्टी ने संजय सिंह को पंजाब का प्रभारी बना दिया. हाल ही में पार्टी के विधायक देविंदर सहरावत ने आरोप लगाया कि पंजाब में पार्टी के नेता महिलाओं का शोषण कर रहे हैं. सहरावत ने यह आरोप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे एक खत में लगाए.
अपनी पार्टी के नेताओं के हमले झेलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बेंगलुरु में गले की सर्जरी के बाद वह खुद राज्य के चुनाव की कमान और प्रत्याशियों का चन अपने हाथ में लेंगे.
पिछले कुछ दिनों में आप नेताओं ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के चलते पार्टी के पंजाब इकाई के संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को पद से हटा दिया. सुच्चा सिंह पर टिकट के लिए पैसे लेने के आरोप तक लगे. वहीं दिल्ली में पार्टी का एक विधायक सैक्स स्कैंडल के आरोप में जेल में बैठा है. ऐसे में यह खबर पार्टी के लिए राहत लेकर आई है.
सूत्र बता रहे हैं कि बरार की आम आदमी पार्टी में एंट्री का पूरा काम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की देन है.
माना जा रहा है कि जगमीत सिंह बरार, जो कि कांग्रेस के पूर्व नेता रहे हैं, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. कहा जा रहा है कि वह अभी केजरीवाल की पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल नहीं होंगे और यह एक चुनावी गठजोड़ होगा. बरार के समर्थकों को पार्टी कितने टिकट देगी अभी इस बारे में बातचीत चल रही है.
रिपोर्टों के अनुसार इन सारी बातचीतों का जरिया बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही हैं. ममता बनर्जी काफी समय से बरार को जानती रही हैं जब वह कांग्रस में थीं. बरार भी ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इस समारोह में शामिल होने के लिए अरविंद केजरीवाल भी गए थे.
57 वर्षीय बरार को कांग्रेस पार्टी से तब निकाल दिया गया था जब अप्रैल में उन्होंने खुलेआम कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना की थी. अमरिंदर सिंह पार्टी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी बताए जा रहे हैं. इससे पहले बरार ने गांधी परिवार को आम चुनाव में मिली करारी हार के लिए जिम्मेदार बताया था.
हाल के महीनों में बरार की जनसभाओं में काफी संख्या में लोग पधारे थे. कहा जाता है कि पंजाब के दक्षिणी इलाके मालवा में बरार की अच्छी पकड़ है. राजनीतिक जानकार यह भी कहते हैं कि राज्य की अकाली बीजेपी सरकार पर युवाओं को रोजगार न दे पाने के लिए चलाई गई अपनी मुहिम के चलते बरार ने युवाओं के बीच अच्छी पकड़ बना रखी है. इसी के साथ नशे के विरोध में भी जगमीत सिंह बरार काफी मुखर रहे हैं. 1999 के आम चुनाव में में बरार ने वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को फरीदकोट सीट से हराया था.
पिछले कुछ समय तक आम आदमी पार्टी को राज्य में काफी अच्छी पार्टी समझा जा रहा था, आम चुनाव में पंजाब ही केवल ऐसा राज्य था जहां से पार्टी को चार सीटें हासिल हुई थीं और पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा करते रहे हैं. लेकिन, अगस्त महीने में एक स्टिंग में राज्य के संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर पर टिकट के लिए पैसों का सौदा करने का आरोप लगा, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया. सुच्चा सिंह को हटाकर पार्टी ने संजय सिंह को पंजाब का प्रभारी बना दिया. हाल ही में पार्टी के विधायक देविंदर सहरावत ने आरोप लगाया कि पंजाब में पार्टी के नेता महिलाओं का शोषण कर रहे हैं. सहरावत ने यह आरोप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे एक खत में लगाए.
अपनी पार्टी के नेताओं के हमले झेलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बेंगलुरु में गले की सर्जरी के बाद वह खुद राज्य के चुनाव की कमान और प्रत्याशियों का चन अपने हाथ में लेंगे.
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