नई दिल्ली : हाल ही में आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता पद से हटाई गईं आतिशी मारलेना ने मंगलवार को तीखी भाषा में लिखे गए एक खत में अपने पूर्व 'राजनैतिक गुरुओं' योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की कड़ी आलोचना की है।
आतिशी ने खत में लिखा, "खेदजनक है कि इस खत से साफ है कि हमारे राजनैतिक रास्ते अलग हो गए हैं... यह पत्र मैं उन दो लोगों के विचारों के प्रति कड़ी असहमति जताने के लिए लिख रही हूं, जिनका मैं बहुत आदर करती रही हूं... मैं अब भी दोनों का पूरा आदर करती रहूंगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब हमारे रास्ते एक रह सकते हैं... मैं उम्मीद करती हूं कि वे दोनों उस स्तर तक नहीं पहुंचेंगे, जहां हम एक-दूसरे के खिलाफ आमने-सामने खड़े दिखाई दें..."
माना जाता है कि आतिशी मारलेना को हटाए जाने के पीछे पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल तथा प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव के बीच जारी विवाद रहा। सामाजिक कार्यकर्ता मारलेना को पार्टी में लाने वाले योगेंद्र यादव ही थे, और अब इस खत से उन्होंने साफ करने की कोशिश की है कि वह अब किसके साथ हैं।
32-वर्षीय आतिशी ने संकेत दिए कि दोनों गुटों के बीच समझौते की कोशिशें इसलिए नाकाम रहीं, क्योंकि यादव और भूषण ने अपनी ज़िद नहीं छोड़ीं। आतिशी ने खत में लिखा, "आप दोनों (भूषण व यादव) पार्टी के संस्थागत ढांचे के तहत संभव समझौते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे... दुखद यह है कि अब आप जो भी कदम उठाएंगे, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई को कमज़ोर करेंगे... सार्वजनिक रूप से इन मुद्दों को उठाते रहने की स्थिति में हर बार पार्टी को भी जवाब देना होगा, और उससे बात बिगड़ती ही जाएगी..."
आतिशी ने लिखा, " मेरे 'आप' में शामिल होने की एक वजह यही थी कि उस वक्त प्रशांत भूषण की वहां मौजूदगी मुझे आश्वस्त कर रही थी कि 'आप' पूंजीवाद और साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई के पथ पर चलती रहेगी... मेरा मानना है कि 'आप' आज भी वही है, जबकि प्रशांत जी उसके खिलाफ खड़े हैं...
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