कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं आधार कार्ड : न्यायालय

कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं आधार कार्ड : न्यायालय

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि आधार कार्ड सरकार की समाज कल्याण योजनाओं का लाभ लेने के लिए अनिवार्य नहीं है। न्यायालय ने यह बात आधार योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को संविधान पीठ के सुपुर्द करते हुए कही। याचिका में आधार योजना को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह व्यक्ति की निजता के संविधान से मिले अधिकार का उल्लंघन करती है।

न्यायालय ने फिर कहा है कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी नहीं है। न्यायालय ने यही आदेश 2013 में भी दिया था।न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को यह कहते हुए संविधान पीठ को सौंपा कि योजना में 'कई साफ दिखने और अब तक नहीं सुलझने वाले मुद्दे' मौजूद हैं।

न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनाज, केरोसिन और एलपीजी जैसे सामानों के वितरण के लिए आधार को एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन किसी भी स्थिति में प्रशान इसे अनिवार्य रूप से पास रखने के लिए नहीं कह सकता। न्यायालय ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया व रेडियो के माध्यम से इस बात का व्यापक तौर पर प्रचार करेगी।

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न्यायालय ने महान्यायवादी मुकुल रोहतगी के इस बयान को भी दर्ज किया कि आधार कार्ड जारी करते समय जुटाई गई निजी जानकारियां किसी अन्य व्यक्ति या अधिकारी को नहीं बांटी जाएगी। न्यायालय ने कहा कि आधार कार्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर संविधान पीठ जल्द से जल्द सुनवाई करेगी।