बीजेपी का नया मुख्यालय होगा 'परंपरागत परन्तु भव्य', इतिहास बन जाएगा 11, अशोक रोड

बीजेपी का नया मुख्यालय होगा 'परंपरागत परन्तु भव्य', इतिहास बन जाएगा 11, अशोक रोड

खास बातें

  • 18 अगस्त को पीएम और पार्टी अध्यक्ष नए कार्यालय की आधारशिला रखेंगे
  • नया कार्यालय दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर बनाया जाएगा
  • तीन ब्लॉक वाले कॉम्प्लेक्स की मुख्य इमारत सात-मंजिला होगी
नई दिल्ली:

कई दशक से देश की राजधानी दिल्ली के बीचोंबीच हरियाली से घिरे इलाके में मौजूद 11, अशोक रोड को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हर कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के रूप में पहचानता है. पार्टी के इतिहास को समेटे रखने वाली इसी इमारत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी पार्टी की बैठकों के लिए आया करते थे, और पूरी सड़क पर लगे पोस्टरों ने इन्हीं दोनों दिग्गज नेताओं के चेहरे दिखाई दिया करते थे.

अब सिर्फ यही फर्क आया है कि यहां लगे पोस्टरों में इन दिग्गजों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह के मुस्कुराते चेहरे नज़र आते हैं, लेकिन जल्द ही यह सब गायब हो जाएगा, क्योंकि बीजेपी का मुख्यालय लगभग पांच किलोमीटर दूर दो एकड़ के प्लॉट पर बनने जा रहे उस भवन में स्थानांतरित हो जाएगा, जो बीजेपी की वैचारिक संरक्षक कही जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर बनी सड़क पर स्थित है.

अगले सप्ताह 18 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह नए कार्यालय की आधारशिला रखेंगे. सूत्रों ने बताया कि पार्टी को वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले इस दफ्तर के पूरी तरह तैयार हो जाने की उम्मीद है.

शीर्ष नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ जगह बदलने का मामला नहीं है. बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, "आधुनिक, ज़्यादा जगह वाला तथा देश में मौजूद बीजेपी के हर कार्यालय से जुड़ा हुआ... ऐसा होगा हमारा नया कार्यालय..."

उदाहरण के तौर पर मौजूदा एक-मंजिला बंगले के स्थान पर अब पार्टी का मुख्यालय बहुमंजिला इमारत में होगा, जिसमें तीन ब्लॉक होंगे. मुख्य इमारत सात-मंजिला होगी, और उसके आसपास मौजूद दोनों इमारतें तीन-तीन मंजिल की होंगी. इन्हीं इमारतों में पार्टी अध्यक्ष तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं के कार्यालय होंगे.

प्लानरों के मुताबिक, इमारत के अंदरूनी भाग को 'परंपरागत परन्तु भव्य' रखा जाएगा. इमारत पर्यावरण का ध्यान रखकर बनाई जाएगी, यानी ईको-फ्रेंडली होगी. खोखली ईंटों का इस्तेमाल इसे ठंडा रखने में मदद देंगी, और इस पर लगने वाले सोलर पैनलों से ऊर्जा हासिल होगी. बड़ी-बड़ी खिड़कियां बनाई जाएंगी, ताकि भरपूर रोशनी रहे. इसके अलावा रेन-वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था और बायो-टॉयलेट भी इस नई इमारत के प्रमुख फीचर होंगे.

पूरे कॉम्प्लेक्स में वाई-फाई कनेक्टिविटी रहेगी, और इसमें कुल 70 कमरे होंगे, जिनमें दो काफी बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल तथा डिजिटल लाइब्रेरी भी शामिल हैं, जो सभी राज्यों की राजधानियों तथा जिला मुख्यालयों में मौजूद पार्टी के हर कार्यालय से जुड़ी होगी. पार्टी पदाधिकारियों तथा आगंतुकों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने की खातिर कई कैन्टीन भी बनाई जाएंगी.

चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां आते रहेंगे, सो, यहां सुरक्षा व्यवस्था भी शीर्ष स्तर की रखी जाएगी, और इमारत में बनाए जाने वाले एक बहुत ऊंचे खंभे पर काफी बड़ा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भी हमेशा लहराता रहेगा.

कॉम्प्लेक्स में 200 कारों के लिए भूमिगत (अंडरग्राउंड) पार्किंग बनाने की भी योजना है. वर्तमान पार्टी दफ्तर में आगंतुकों को अपनी कारें इमारत के बाहर सड़क पर खड़ी करनी पड़ती हैं, जिनसे आएदिन ट्रैफिक जाम लगा रहता है.

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भारत में किसी राजनैतिक पार्टी के सबसे आधुनिक दफ्तर के लिए तैयार हो जाइए, जो उसके 10 करोड़ सदस्यों की ताकत को परिलक्षित करेगा..."

योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कई बैठकें की हैं. पार्टी का मानना है कि बीजेपी का मौजूदा कार्यालय बहुत छोटा है, और एक आधुनिक कार्यालय के हिसाब से उसमें काफी कम सुविधाएं मौजूद हैं.

लेकिन पार्टी में ही मौजूद नरेंद्र मोदी और अमित शाह के आलोचक इस कवायद को सिर्फ 'जगह की किल्लत से निपटने' से कहीं ज़्यादा बताते हैं. आजकल दरकिनार कर दिए गए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "नेताओं को विरासत छोड़कर जाना पसंद आता है... मुख्यालय की नई इमारत पार्टी के मौजूदा नेतृत्व को पार्टी के इतिहास में विशेष स्थान दिलवा देगी..."


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