82 साल की वृद्धा बदनी देवी
बीकानेर:
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश आया की जैन प्रथा संथारा पर रोक नहीं लगेगी तो बीकानेर में एक परिवार ने ऐलान किया कि उनके परिवार की एक 82 साल की वृद्धा बदनी देवी 46 दिनों से संथारा पर हैं।
गंगाशहर बीकानेर की रहने वाली बदनी देवी के 4 पुत्र और 1 पुत्री हैं। उन्होंने जुलाई में अपना निर्णय परिवार के सामने रखा था। परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने बदनी देवी को मना किया लेकिन वो नहीं मानी, कुछ दिन बाद उन्होंने दवाएं लेनी बंद कर दी। अब उन्होंने 46 दिनों से भोजन पानी त्याग रखा है, दिन में सिर्फ कुछ चमच पानी पीती हैं।
संथारा जैन धर्म में वो प्रथा है जहां मनुष्य अन जल त्याग करके मृत्यु को प्राप्त करता है। जैनियों का कहना है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है और ऐसी मौत सब नहीं अपना सकते। लेकिन, राजस्थान हाईकोर्ट में 2006 में इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि संथारा की आढ़ में लोग बूढ़े बुज़ुर्गों की देख रेख नहीं करते और समाज के साथ मिलकर उनको संथारा लेने पे मजबूर कर देते हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने दस अगस्त 2015 को कहा था कि संथारा आत्महत्या जैसे है और इससे भारतीय दंड संहिता के तहत 309 में कारवाही होनी चाहिए।
उसको लेकर काफी विवाद हुआ था और जैन समुदाय सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, जहां ये अंतिरिम आदेश जारी हुआ है कि फिलहाल संथारा पे कोई रोक नहीं होगी और इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चलेगी।
गंगाशहर बीकानेर की रहने वाली बदनी देवी के 4 पुत्र और 1 पुत्री हैं। उन्होंने जुलाई में अपना निर्णय परिवार के सामने रखा था। परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने बदनी देवी को मना किया लेकिन वो नहीं मानी, कुछ दिन बाद उन्होंने दवाएं लेनी बंद कर दी। अब उन्होंने 46 दिनों से भोजन पानी त्याग रखा है, दिन में सिर्फ कुछ चमच पानी पीती हैं।
संथारा जैन धर्म में वो प्रथा है जहां मनुष्य अन जल त्याग करके मृत्यु को प्राप्त करता है। जैनियों का कहना है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है और ऐसी मौत सब नहीं अपना सकते। लेकिन, राजस्थान हाईकोर्ट में 2006 में इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि संथारा की आढ़ में लोग बूढ़े बुज़ुर्गों की देख रेख नहीं करते और समाज के साथ मिलकर उनको संथारा लेने पे मजबूर कर देते हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने दस अगस्त 2015 को कहा था कि संथारा आत्महत्या जैसे है और इससे भारतीय दंड संहिता के तहत 309 में कारवाही होनी चाहिए।
उसको लेकर काफी विवाद हुआ था और जैन समुदाय सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, जहां ये अंतिरिम आदेश जारी हुआ है कि फिलहाल संथारा पे कोई रोक नहीं होगी और इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चलेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बदनी देवी का पहला मामला है संथारा लेने का, जो 25 जुलाई से संथारा पे हैं। उनके भतीजे भंवर लाल डागा ने बताया कि ज्यादातर वो ध्यान अवस्था में रहती हैं और कभी-कभी पानी के कुछ घूंट पीती हैं।
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