इन ट्रेनी कोबरा कमांडो को गया स्थित यूनिट मुख्यालय जाना था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 59 प्रशिक्षु कोबरा कमांडो के सामूहिक रूप से ड्यूटी से गायब हो जाने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है. यह घटना मुगलसराय स्टेशन की है. रविवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक प्रशिक्षण केंद्र में पांच सप्ताह का बेसिक प्रशिक्षण लेकर वापस लौट रहे कोबरा कमांडो ने अपने गंतव्य स्टेशन गया स्थित 205वें कोबरा यूनिट के मुख्यालय जाने की बजाय अचानक यात्रा समाप्त करके अपने-अपने घरों की ओर जाने का निर्णय किया.
अधिकारियों ने बताया कि जवानों ने अपने इस फैसले की जानकारी अपने दल के कमांडर को नहीं दी और चुपचाप गायब हो गए. सीआरपीएफ ने इसे 'अनधिकृत अनुपस्थिति' करार देते हुए जवानों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वारी के आदेश दिए हैं.
सीआरपीएफ और कमांडो बटालियन फॉर रेजोयूल्ट एक्शन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इन जवानों को गया स्थित 205वें कोबरा यूनिट के मुख्यालय में सोमवार को पहुंचना था. यहां बिहार में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए उनकी आगे की नियुक्ति की जानी थी. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु कमाडों के साथ ही यात्रा करने वाले प्रशिक्षकों और हवलदारों ने किसी तरह इनसे संपर्क साधकर इनके बारे में जानकारी हासिल की.
सीआरपीएफ के मुताबिक इन कमांडो को पांच फरवरी को सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन से जम्मू से गया जाना था लेकिन खराब मौसम और रोड ब्लॉक की वजह से इन्हें एक फरवरी को ही जम्मू भेज दिया गया और इन्होंने दो फरवरी को ही गया वापस लौटने का फैसला किया. चूंकि वे अपने निश्चित कार्यक्रम से पहले आ गए थे तो इन्होंने बिना किसी इजाजत के खुद ही शनिवार और रविवार को अपने घर जाने का फैसला कर लिया. इन कमांडो ने अनुशासनहीनता दिखाई है और डिपार्टमेंट इस पर फैसला लेगा. डीआईजी स्तर के अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इन जवानों को सात फरवरी को डयूटी ज्वाइन करना है और उम्मीद है कि वे कल काम पर लौट आएंगे.
वरिष्ठ अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह निर्धारित करने की जरूरत है कि कैसे इन जवानों ने एक साथ गायब होने का निर्णय किया. सारे जवान बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
अधिकारियों ने बताया कि जवानों ने अपने इस फैसले की जानकारी अपने दल के कमांडर को नहीं दी और चुपचाप गायब हो गए. सीआरपीएफ ने इसे 'अनधिकृत अनुपस्थिति' करार देते हुए जवानों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वारी के आदेश दिए हैं.
सीआरपीएफ और कमांडो बटालियन फॉर रेजोयूल्ट एक्शन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इन जवानों को गया स्थित 205वें कोबरा यूनिट के मुख्यालय में सोमवार को पहुंचना था. यहां बिहार में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए उनकी आगे की नियुक्ति की जानी थी. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु कमाडों के साथ ही यात्रा करने वाले प्रशिक्षकों और हवलदारों ने किसी तरह इनसे संपर्क साधकर इनके बारे में जानकारी हासिल की.
सीआरपीएफ के मुताबिक इन कमांडो को पांच फरवरी को सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन से जम्मू से गया जाना था लेकिन खराब मौसम और रोड ब्लॉक की वजह से इन्हें एक फरवरी को ही जम्मू भेज दिया गया और इन्होंने दो फरवरी को ही गया वापस लौटने का फैसला किया. चूंकि वे अपने निश्चित कार्यक्रम से पहले आ गए थे तो इन्होंने बिना किसी इजाजत के खुद ही शनिवार और रविवार को अपने घर जाने का फैसला कर लिया. इन कमांडो ने अनुशासनहीनता दिखाई है और डिपार्टमेंट इस पर फैसला लेगा. डीआईजी स्तर के अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इन जवानों को सात फरवरी को डयूटी ज्वाइन करना है और उम्मीद है कि वे कल काम पर लौट आएंगे.
वरिष्ठ अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह निर्धारित करने की जरूरत है कि कैसे इन जवानों ने एक साथ गायब होने का निर्णय किया. सारे जवान बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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