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This Article is From Sep 21, 2015

यमन सीमा के पास से बचाई गईं केरल की 50 नर्सों को वतन वापसी का इंतजार

यमन सीमा के पास से बचाई गईं केरल की 50 नर्सों को वतन वापसी का इंतजार
प्रतीकात्मक तस्वीर
तिरुवनंतपुरम: केरल की करीब 50 नर्सें भारत वापस लौटने के लिए सऊदी अरब प्रशासन और भारतीय दूतावास की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं, क्योंकि वे अपने कार्य अनुभव और दस्तावेजों से जुड़े मुद्दों का भी निपटारा चाहती हैं। इन नर्सों को यमन सीमा के बेहद नजदीक सऊदी अरब के तनावपूर्ण क्षेत्र समता से रविवार को मुक्त कराया गया था।

खोफ में जी रही है नर्सें
केरल के त्रिशूर की नर्स टी थानु ने, जो पिछले चार साल से विदेश में काम कर रही हैं, सोमवार को जिजान से फोन पर बताया कि वे सभी वापस लौटने की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। थानु ने कहा, 'हम अपने इर्द-गिर्द दागे जा रहे मोर्टारों और बमबारी के कारण अरब स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े 150 बिस्तरों के समता जनरल अस्पताल में तीन दिनों से खौफ में जी रहे हैं। लगभग 50 नर्सों ने वापस लौटने का फैसला कर लिया है। रविवार हमारा काम पर आखिरी दिन था।'

थानु ने कहा, 'हम चाहते हैं कि भारतीय दूतावास यह सुनिश्चत करे कि हमें अपने कार्य अनुभव के दस्तावेज मिल जाएंगे और कुछ नवनियुक्त नर्सों को उन्हें नियुक्त करने वाली एजेंसी द्वारा उनके दस्तावेज लौटा दिए जाएंगे।' ये नर्सें सऊदी अरब में इस शर्त पर काम जारी रखने के लिए तैयार हैं कि उन्हें सऊदी-यमन सीमा से दूर तनाव मुक्त इलाके में नियुक्त कर दिया जाए। थानु ने कहा, 'अगर यह संभव नहीं है तो हम जितनी जल्दी हो सके भारत वापस लौटना चाहते हैं।'

ओमन चांडी ने दिया आश्वासन
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने इन नर्सों को आश्वासन दिया है कि वे मामले को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सामने रखेंगे। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने उन्हें फोन पर सुरक्षित वापसी का आश्वासन दिया है।

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