नई दिल्ली:
जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सेना के गश्तीदल पर सोमवार आधी रात के बाद हुए आतंकवादी हमले में पांच जवान शहीद हो गए और एक जवान घायल हो गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान में नवाज शरीफ के सत्ता संभालने के दो महीने बाद मंगलवार को दोनों देशों के बीच संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए।
पुंछ जिले के चकन-दा-बाग सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सोमवार देर रात एक बजे आतंकवादियों ने छह सदस्यीय गश्तीदल पर हमला किया और एक जूनियर कमिशन्ड अधिकारी सहित चार जवानों की हत्या कर दी। यह हमला नियंत्रण रेखा के पार भारतीय सीमा में 400 मीटर अंदर हुआ।
एक सूत्र ने कहा, "घायल जवान को विशेष उपचार के लिए विमान द्वारा जम्मू लाया गया है। हत्या के बाद आतंकवादी पाकिस्तान की सीमा में वापस लौट गए।"
इस साल जनवरी महीने में भी नियंत्रण रेखा के मेंढर सेक्टर में दो भारतीय जवानों की हत्या कर दी गई थी। जिनमें से एक जवान का सिर धड़ से गायब था और दूसरे का शव क्षत-विक्षत था।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय सेना नियंत्रण रेखा की पवित्रता कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है।
लोकसभा में एक बयान में एंटनी ने कहा, "मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की पवित्रता कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है।"
एंटनी ने कहा, "पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए और एक घायल हो गया। हमले को भारी हथियारों से लैस लगभग 20 आतंकवादियों ने अंजाम दिया। उनके साथ पाकिस्तानी सेना की वर्दी में अन्य लोग भी थे।"
रक्षा मंत्री ने घटना की निंदा की और कहा कि भारत ने कूटनीतिक माध्यमों से पाकिस्तान के सामने कड़ा विरोध प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की समान अवधि में घुसपैठ के दोगुने प्रयास हुए हैं।
एंटनी के मुताबिक सेना जुलाई और अगस्त में जम्मू एवं कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर 19 कट्टर आतंकवादियों का सफाया कर चुकी है।
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शहीद के परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। उमर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्ता बनाने के पाकिस्तानी दावे को झूठा साबित कर देती हैं।
उमर ने अपने पहले बयान में कहा, "मैं उनके परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान के साथ रिश्ते को सामान्य करने या सुधारने की कोशिश में मदद नहीं करतीं और पाकिस्तानी सरकार के हालिया संदेश पर सवाल खड़े करती हैं।"
इस बीच सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त मंसूर अहमद खान को तलब किया और जम्मू एवं कश्मीर के पूंछ में पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के मामले पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। सूत्रों ने बताया कि खान को सरकार ने दोपहर में तलब किया और उनसे विरोध जताया।
इस घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भारत को "धोखे के ऐसे कृत्यों से डराया नहीं जा सकता।"
मंगलवार को पार्टी की ओर से जारी एक बयान अनुसार गांधी ने कहा, "भारत को धोखे के ऐसे कृत्यों से डराया नहीं जा सकता।" उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर धोखे से पांच भारतीय सैनिकों की हत्या पर गहरा दुख जताया।
सोनिया गांधी ने शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति भी गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी और वास्तव में पूरा देश उनके साथ है। गांधी ने सरकार को उपयुक्त कदम उठाने के लिए भी कहा।
भारत और पाकिस्तान ने 2003 से ही नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम घोषित कर रखा है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच युद्ध नहीं हुआ है। लेकिन कभी-कभी दोनों सेनाओं के बीच गोलीबारी होती है। दोनों समय-समय पर एक दूसरे पर सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाते रहे हैं।
हाल की घटना उस समय हुई है, जब पाकिस्तान की नई सरकार भारत के साथ रिश्ते सामान्य करने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान में उनके समकक्ष नवाज शरीफ सितंबर महीने में न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर मुलाकात करने वाले हैं।
पुंछ जिले के चकन-दा-बाग सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सोमवार देर रात एक बजे आतंकवादियों ने छह सदस्यीय गश्तीदल पर हमला किया और एक जूनियर कमिशन्ड अधिकारी सहित चार जवानों की हत्या कर दी। यह हमला नियंत्रण रेखा के पार भारतीय सीमा में 400 मीटर अंदर हुआ।
एक सूत्र ने कहा, "घायल जवान को विशेष उपचार के लिए विमान द्वारा जम्मू लाया गया है। हत्या के बाद आतंकवादी पाकिस्तान की सीमा में वापस लौट गए।"
इस साल जनवरी महीने में भी नियंत्रण रेखा के मेंढर सेक्टर में दो भारतीय जवानों की हत्या कर दी गई थी। जिनमें से एक जवान का सिर धड़ से गायब था और दूसरे का शव क्षत-विक्षत था।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय सेना नियंत्रण रेखा की पवित्रता कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है।
लोकसभा में एक बयान में एंटनी ने कहा, "मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की पवित्रता कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है।"
एंटनी ने कहा, "पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए और एक घायल हो गया। हमले को भारी हथियारों से लैस लगभग 20 आतंकवादियों ने अंजाम दिया। उनके साथ पाकिस्तानी सेना की वर्दी में अन्य लोग भी थे।"
रक्षा मंत्री ने घटना की निंदा की और कहा कि भारत ने कूटनीतिक माध्यमों से पाकिस्तान के सामने कड़ा विरोध प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की समान अवधि में घुसपैठ के दोगुने प्रयास हुए हैं।
एंटनी के मुताबिक सेना जुलाई और अगस्त में जम्मू एवं कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर 19 कट्टर आतंकवादियों का सफाया कर चुकी है।
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शहीद के परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। उमर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारत के साथ शांतिपूर्ण रिश्ता बनाने के पाकिस्तानी दावे को झूठा साबित कर देती हैं।
उमर ने अपने पहले बयान में कहा, "मैं उनके परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान के साथ रिश्ते को सामान्य करने या सुधारने की कोशिश में मदद नहीं करतीं और पाकिस्तानी सरकार के हालिया संदेश पर सवाल खड़े करती हैं।"
इस बीच सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त मंसूर अहमद खान को तलब किया और जम्मू एवं कश्मीर के पूंछ में पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के मामले पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। सूत्रों ने बताया कि खान को सरकार ने दोपहर में तलब किया और उनसे विरोध जताया।
इस घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भारत को "धोखे के ऐसे कृत्यों से डराया नहीं जा सकता।"
मंगलवार को पार्टी की ओर से जारी एक बयान अनुसार गांधी ने कहा, "भारत को धोखे के ऐसे कृत्यों से डराया नहीं जा सकता।" उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर धोखे से पांच भारतीय सैनिकों की हत्या पर गहरा दुख जताया।
सोनिया गांधी ने शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति भी गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी और वास्तव में पूरा देश उनके साथ है। गांधी ने सरकार को उपयुक्त कदम उठाने के लिए भी कहा।
भारत और पाकिस्तान ने 2003 से ही नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम घोषित कर रखा है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच युद्ध नहीं हुआ है। लेकिन कभी-कभी दोनों सेनाओं के बीच गोलीबारी होती है। दोनों समय-समय पर एक दूसरे पर सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाते रहे हैं।
हाल की घटना उस समय हुई है, जब पाकिस्तान की नई सरकार भारत के साथ रिश्ते सामान्य करने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान में उनके समकक्ष नवाज शरीफ सितंबर महीने में न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर मुलाकात करने वाले हैं।
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