कोच्चि:
दो भारतीय जहाज-एमवी कोरल्स और एमवी कावारत्ती शनिवार को 475 लोगों को सुरक्षित लेकर कोच्चि तट पर पहुंचे।
राजनीतिक संकट से जूझ रहे यमन से 73 भारतीयों, 336 बांग्लादेशी और 75 यमनी नागरिकों को सुरक्षित निकालकर भारतीय जहाजों ने कोच्चि तट तक पहुंचाया।
केरल के प्रवासी मामलों के मंत्री के.सी. जोसेफ जहाजों के स्वागत के लिए जिलाधिकारियों के साथ यहां मौजूद थें। जोसेफ बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ मिलकर नागरिकों को यमन से निकालकर लाने का प्रबंध देख रहे हैं।
जोसेफ ने बताया कि जहाजों के तट पर पहुंचने के बाद बांग्लादेशी नागरिकों से जहाज पर ही रहने के लिए कहा गया। बांग्लादेश से दो विशेष विमान शाम आठ बजे कोच्चि हवाईअड्डे पहुंचेंगे और फिर सभी नागरिक विमान पर सवार होकर अपने स्वदेश लौटेंगे।
भारतीय मूल के 75 यमनी नागरिकों में से दो को तबियत बिगड़ने की वजह से दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि शेष को मुंबई भेज दिया गया।
कुल 73 भारतीय नागरिकों में से 17 केरल के रहने वाले हैं, जबकि बाकी लोग देश के दूसरे हिस्सों से हैं। राज्य सरकार भारतीय रेलवे की मदद से सभी प्रवासियों को उनके घर भेजने का प्रबंध कर रही है।
यात्रियों को लेकर कोच्चि पहुंचे दोनों जहाज 12 अप्रैल को जिबूती से रवाना हुए थे, जो यमन का पड़ोसी देश है।
राजनीतिक संकट से जूझ रहे यमन से 73 भारतीयों, 336 बांग्लादेशी और 75 यमनी नागरिकों को सुरक्षित निकालकर भारतीय जहाजों ने कोच्चि तट तक पहुंचाया।
केरल के प्रवासी मामलों के मंत्री के.सी. जोसेफ जहाजों के स्वागत के लिए जिलाधिकारियों के साथ यहां मौजूद थें। जोसेफ बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ मिलकर नागरिकों को यमन से निकालकर लाने का प्रबंध देख रहे हैं।
जोसेफ ने बताया कि जहाजों के तट पर पहुंचने के बाद बांग्लादेशी नागरिकों से जहाज पर ही रहने के लिए कहा गया। बांग्लादेश से दो विशेष विमान शाम आठ बजे कोच्चि हवाईअड्डे पहुंचेंगे और फिर सभी नागरिक विमान पर सवार होकर अपने स्वदेश लौटेंगे।
भारतीय मूल के 75 यमनी नागरिकों में से दो को तबियत बिगड़ने की वजह से दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि शेष को मुंबई भेज दिया गया।
कुल 73 भारतीय नागरिकों में से 17 केरल के रहने वाले हैं, जबकि बाकी लोग देश के दूसरे हिस्सों से हैं। राज्य सरकार भारतीय रेलवे की मदद से सभी प्रवासियों को उनके घर भेजने का प्रबंध कर रही है।
यात्रियों को लेकर कोच्चि पहुंचे दोनों जहाज 12 अप्रैल को जिबूती से रवाना हुए थे, जो यमन का पड़ोसी देश है।
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