नई दिल्ली:
अन्ना हजारे की ओर से जन लोकपाल विधेयक को 30 अगस्त तक पारित करने की मांग के बाद सरकार और कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि विधेयक 30 अगस्त तक पारित करने की संभावना नहीं है। सू़त्रों ने कहा कि सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया लोकपाल विधेयक फिलहाल संसदीय स्थाई समिति को गया है जिसे अपनी सिफारिशें देने से पहले इस पर काफी काम करना है। सूत्रों ने समिति और संसद द्वारा एक ही समय में दो विधेयकों को लेने की संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि समिति ने अब तक केवल हजारे और उनके सहयोगियों की बात सुनी है। विचार जानने के लिए अनिवार्य विज्ञापन अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि हजारे पक्ष को संसदीय प्रक्रियाओं की वास्तविकता समझनी चाहिए। सरकारी सूत्रों ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा अन्ना हजारे पक्ष अपना मसौदा समिति के समक्ष विचार के लिए रख सकता है और इस स्तर पर इससे ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता। इससे पहले कानून मंत्री सलमान खुर्शीद कह चुके हैं कि किसी सदस्य को सदन में निजी विधेयक लाने से नहीं रोका जा सकता लेकिन इसे पर्याप्त समर्थन मिलना चाहिए।
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