पाकिस्तान की जेल में बंद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड ज़की-उर-रहमान लखवी के जेल से छूटने का रास्ता साफ़ हो गया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मुंबई हमला केस में जमानत मिलने के बावजूद लखवी को दूसरे केस में हिरासत में रखने के फैसले को खारिज कर दिया है। इसके बाद विदेश सचिव सुजाता सिंह ने दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर लखवी को छोड़े जाने पर भारत सरकार की ओर से विरोध जताया।
लखवी मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था। जब आतंकी यहां गोलियां बरसा रहे थे, तब लखवी ही था, जो उन्हें बता रहा था कि वे कैसे और कहां हमला करें। कसाब ने 'लखी चाचा' के तौर पर उसकी पहचान भी की थी। भारत ने पाकिस्तान को जो डोज़ियर 26/11 को लेकर सौंपा था, उसमें वह नंबर दो पर था। चार्जशीट में भी साफतौर पर बार-बार इस शख्स का नाम इसलिए आता रहा, क्योंकि मुंबई पर हुए हमले का मास्टरमाइंड यही था। वह बार-बार बता रहा था कि कैसे क्या-क्या करना है।
मुंबई के हमलावरों के लिए, जो पाकिस्तान में चाचा बना बैठा था, दरअसल, वह कसाब और उसके साथियों को लंबे अरसे से हमले के लिये तैयार कर रहा था। कसाब के इकबालिया बयान में भी साफ हुआ कि कैसे लखवी बार-बार बताता रहा कि मुंबई पर हमले का क्या असर होगा। जब मुंबई हमले की तस्वीरें लाइव थीं, तब यही शख्स पाकिस्तान में अपने कंट्रोल रूम में बैठ पर पूरे हमले को देख रहा था। ये लखवी और हाफिज़ सईद ही थे, जिन्होंने दस आतंकियों के दो अलग-अलग ग्रुप बनाए और उन्हें ट्रेनिंग दी।
ट्रेनिंग कैंप का जो हाल कसाब ने बताया था, उससे साफ हुआ है कि भारत पर हमले के लिए जब आतंकियों को तैयार किया गया था तब लखवी लगातार मौजूद था। वह उस ट्रेंनिंग का हिस्सा भी था, जब मुंबई भेजे जाने वाले रंगरूटों को गोली-बारूद की सीख दी जा रही थी।
लखवी की पहचान सिर्फ मुंबई हमलों तक सीमित नहीं है। मुंबई और देश की सुरक्षा एजेंसियों को उसके बारे में जानकारियां मिली हैं कि वह भारत पर हमले से पहले चेचन्या, बोसनिया, इराक और दक्षिण पूर्व एशिया में आतंकियों की लगातार मदद करता रहा है।
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