 
                                            File photo
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 1984 के सिख विरोधी दंगे की सुनवाई कर रही अदालत को गुरुवार को बताया कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने तथा धन की हेराफेरी का कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
सीबीआई ने सिख विरोधी दंगे में टाइटलर की संलिप्ता से संबंधित मामले की समापन रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी सौरभ प्रताप सिंह लालेर की अदालत में यह जानकारी दी।
समापन रिपोर्ट में टाइटलर को क्लीन चिट दे दी गई है। यह तीसरी बार है जब सीबीआई ने समापन रिपोर्ट पेश की है।
पीड़िता/शिकायतकर्ता लखविंदर कौर की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फूलका ने पिछली सुनवाई के दौरान टाइटलर पर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और इस क्रम में विभिन्न गवाहों तथा व्यवसायी अभिषेक वर्मा के बयान का उल्लेख किया। लखविंदर के पति की दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी।
वर्मा के बयान का उल्लेख करते हुए फूलका ने अदालत को बताया कि व्यवसायी ने अपने बयान में कहा था कि टाइटलर एक गवाह को बड़ी धनराशि देकर और उनके बेटे को विदेश में बसाने का प्रलोभन देकर प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे।
अदालत ने 3 जून को जांच एजेंसी से रिपोर्ट मांगी थी।
इस बीच, फूलका ने गुरुवार को अदालत को बताया कि वह विरोध में याचिका दायर करेंगे, क्योंकि सीबीआई टाइटलर के खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने का मामला दर्ज न कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। अदालत मामले पर 30 जुलाई को अगली सुनवाई करेगी।
जांच एजेंसी ने कांग्रेस नेता को इससे पहले भी दो बार क्लीन चीट दे दी है। अप्रैल 2013 में एक सत्र अदालत ने समापन रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था और हत्या की सीबीआई से जांच कराने के लिए कहा था।
अदालत के निर्देश पर काम करते हुए सीबीआई ने फिर जांच शुरू की, लेकिन फिर 24 दिसंबर, 2014 को एक और समापन रिपोर्ट पेश कर दी।
                                                                        
                                    
                                सीबीआई ने सिख विरोधी दंगे में टाइटलर की संलिप्ता से संबंधित मामले की समापन रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी सौरभ प्रताप सिंह लालेर की अदालत में यह जानकारी दी।
समापन रिपोर्ट में टाइटलर को क्लीन चिट दे दी गई है। यह तीसरी बार है जब सीबीआई ने समापन रिपोर्ट पेश की है।
पीड़िता/शिकायतकर्ता लखविंदर कौर की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फूलका ने पिछली सुनवाई के दौरान टाइटलर पर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और इस क्रम में विभिन्न गवाहों तथा व्यवसायी अभिषेक वर्मा के बयान का उल्लेख किया। लखविंदर के पति की दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी।
वर्मा के बयान का उल्लेख करते हुए फूलका ने अदालत को बताया कि व्यवसायी ने अपने बयान में कहा था कि टाइटलर एक गवाह को बड़ी धनराशि देकर और उनके बेटे को विदेश में बसाने का प्रलोभन देकर प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे।
अदालत ने 3 जून को जांच एजेंसी से रिपोर्ट मांगी थी।
इस बीच, फूलका ने गुरुवार को अदालत को बताया कि वह विरोध में याचिका दायर करेंगे, क्योंकि सीबीआई टाइटलर के खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने का मामला दर्ज न कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। अदालत मामले पर 30 जुलाई को अगली सुनवाई करेगी।
जांच एजेंसी ने कांग्रेस नेता को इससे पहले भी दो बार क्लीन चीट दे दी है। अप्रैल 2013 में एक सत्र अदालत ने समापन रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था और हत्या की सीबीआई से जांच कराने के लिए कहा था।
अदालत के निर्देश पर काम करते हुए सीबीआई ने फिर जांच शुरू की, लेकिन फिर 24 दिसंबर, 2014 को एक और समापन रिपोर्ट पेश कर दी।
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