शीला रामानी (फाइल फोटो)
देव आनंद के साथ 'फंटूश' और 'टैक्सी ड्राइवर' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकीं 50 के दशक की अभिनेत्री शीला रामानी का निधन हो गया। 83 साल की उम्र में गुजरीं शीला रामानी पिछले दो दिनों से कोमा में थीं और अल्झाइमर की बीमारी से जूझ रही थीं।
शीला रामानी ने मध्य प्रदेश में अपने घर में दम तोड़ा। 1956 में नवकेतन बैनरस के तहत आई देवानंद की 'फंटूश' उनकी सबसे यादगार फिल्मों में से है। शायद सबसे ज्यादा शीला रामानी को याद किया जाता है 'टैक्सी ड्राइवर' में नाइट क्लब डांसर सिल्वी के रूप में। सिल्वी को इस फिल्म में गाना 'दिल से मिला के दिल' गाते हुए जिसने देखा हो, वह कैसे इन्हें भूल सकता है। मिजाज़ और स्टाइल से शीला रामानी अपने समय की अभिनेत्रियों से आगे थीं और उनके अंदाज़ ने सिनेमा प्रेमियों के दिलों में उनके लिए ख़ास जगह बनाई थी। पाकिस्तान के सिंध में जन्मीं शीला रामानी 50 के दशक में मिस शिमला बनीं और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की नज़र में आईं।
1953 में वी शांताराम की 'सुरंग' उनकी शुरुआती फिल्मों में से एक थी। 1956 में पाकिस्तानी फिल्म 'अनोखी' में उन्होंने लीड रोल किया। रामानी की अन्य फिल्मों में वी शांताराम की 'तीन बत्ती चार रास्ता', किशोर कुमार के साथ फिल्म 'नौकरी' भी थीं। फिल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' में वह सुनील दत्त की पहली हिरोइन थीं। 'जंगल किंग' और 'रिटर्न ऑफ़ मिस्टर सुपरमैन' में उन्होंने जयराज के साथ काम किया। 1967 में आयी 'आवारा लड़की' उनकी आखिरी फिल्म थी।
शीला रामानी ने मध्य प्रदेश में अपने घर में दम तोड़ा। 1956 में नवकेतन बैनरस के तहत आई देवानंद की 'फंटूश' उनकी सबसे यादगार फिल्मों में से है। शायद सबसे ज्यादा शीला रामानी को याद किया जाता है 'टैक्सी ड्राइवर' में नाइट क्लब डांसर सिल्वी के रूप में। सिल्वी को इस फिल्म में गाना 'दिल से मिला के दिल' गाते हुए जिसने देखा हो, वह कैसे इन्हें भूल सकता है। मिजाज़ और स्टाइल से शीला रामानी अपने समय की अभिनेत्रियों से आगे थीं और उनके अंदाज़ ने सिनेमा प्रेमियों के दिलों में उनके लिए ख़ास जगह बनाई थी। पाकिस्तान के सिंध में जन्मीं शीला रामानी 50 के दशक में मिस शिमला बनीं और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की नज़र में आईं।
1953 में वी शांताराम की 'सुरंग' उनकी शुरुआती फिल्मों में से एक थी। 1956 में पाकिस्तानी फिल्म 'अनोखी' में उन्होंने लीड रोल किया। रामानी की अन्य फिल्मों में वी शांताराम की 'तीन बत्ती चार रास्ता', किशोर कुमार के साथ फिल्म 'नौकरी' भी थीं। फिल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' में वह सुनील दत्त की पहली हिरोइन थीं। 'जंगल किंग' और 'रिटर्न ऑफ़ मिस्टर सुपरमैन' में उन्होंने जयराज के साथ काम किया। 1967 में आयी 'आवारा लड़की' उनकी आखिरी फिल्म थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं