उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के संपूर्ण नगर में मोबाइल चोरी की एक घटना ने 17 साल के लड़के की जान ले ली. परिवार वालों ने पुलिसकर्मियों पर लड़के को बुरी तरह पीटने का आऱोप लगाया. इन आरोपों की जांच का आदेश देने के साथ तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. लखीमपुर पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि चोरी के आरोपी लड़के से उनके परिवार वालों के सामने पूछताछ की गई थी और उसके बाद छोड़ दिया गया. परिजनों ने पहले चाचा पर हमले का आरोप लगाया और फिर बयान बदल दिया.
एसपी संजीव सुमन के मुताबिक, "मृतक के चाचा ने 17 जनवरी को मोबाइल चोरी की एक शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद लड़के के परिवारवालों और गांव के सरपंच को पुलिस स्टेशन बुलाया गया था. उससे सभी के सामने पूछताछ की गई." इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया. अगले ही दिन लड़के की मां 5-6 अन्य लोगों के साथ थाने पहुंची और कहा कि लड़के के चाचा और कुछ अन्य लोगों ने उसे 20 जनवरी की रात बुरी तरह मारा है. उसे उसी रात में अस्पताल में भर्ती कराया गया और अगले दिन उसकी मौत हो गई.
इसके बाद परिजनों ने आरोप लगा दिया कि पुलिसकर्मियों के पीटने से लड़के की मौत हुई है. लिहाजा मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. अगर पुलिसकर्मी जिम्मेदार होंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी, तब तक के लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं मृतक की बहन का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के वक्त उनकी मां को अलग भेज दिया और उसे बेरहमी से बेल्ट से मारा. वो उनके पैरों में गिर गया और न मारने को कहा. लेकिन वो नहीं माने. मृतक की बहन ने कहा कि घर लौटने के बाद भी भाई ने बताया था कि उसे पट्टे से बुरी तरह मारा. घर आने के बाद में उसकी तबियत बिगड़ गई. उसने मम्मी से कहा कि मेरा पेट फूल रहा है. पहले उसे ऐसे दवाई दी गई और फिर बड़े अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रात में दम तोड़ दिया. रोते हुए उसने कहा, मेरा भाई नाबालिग था, उससे दो थप्पड़ मारकर पूछ लेते.
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