इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर 'स्वच्छ भारत अभियान' में सहयोग के लिए सम्मानित की गई जाह्नवी ने कन्हैया कुमार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विषय पर सार्वजनिक बहस के लिए ललकारा है।
जाह्नवी का कहना है, "उन्होंने (कन्हैया ने) हमारे देश के लिए बहुत कुछ करने वाले, दुनियाभर में भारत को पहचान दिलाने वाले, बिना कोई छुट्टी लिए सिर्फ देश के बारे में सोचते रहने वाले, देश का भला सोचते रहने वाले प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के खिलाफ बोला है... कन्हैया को भी भाषण देने की जगह प्रधानमंत्री की ही तरह अपने काम पर ध्यान देना चाहिए..."
जाह्नवी ने कहा, "कन्हैया मुझे किसी भी जगह किसी भी वक्त मिल सकते हैं... जो भी उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ बोला है, मैं उस पर उनसे बहस करने के लिए तैयार हूं... अगर वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह देश के लोगों के खिलाफ भी बात कर रहे हैं..."
जाह्नवी की ये टिप्पणियां रविवार को माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ट्रेंड कर रही थीं, और उन पर हज़ारों कमेंट आए थे।
वैसे, जाह्नवी वर्ष 2010 से सामाजिक कार्य करती रही है, और 'स्वच्छ भारत अभियान' में सहयोग के लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रशस्ति पत्र भा प्राप्त हुआ था।
कन्हैया ने पिछले सप्ताह न्यायिक हिरासत से बाहर आने के बाद जेएनयू लौटकर एक भाषण दिया था, जो दुनियाभर में चर्चा का विषय तो बना ही था, राजनैतिक तबकों में उस पर कड़ी प्रतिक्रियाएं भी हुई थीं।
अपने भाषण में कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके विकास मंत्र पर वार करते हुए कहा था, "मैं गांव का रहने वाला हूं, जहां जादू के शो होते हैं... वहां लोग जादू दिखाते हैं, और ऐसी अंगूठियां बेचते हैं, जिनसे सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं... हमारे देश में ऐसे ही कुछ लोग हैं, जो कहते हैं, काला धन वापस आएगा, सबका साथ, सबका विकास..."