भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है- सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. इन दोनों ही वैक्सीन की दो-दो डोज़ दी जा रही हैं. कई राज्यों में वैक्सीन की कमी आ रही है. तीसरा चरण शुरू हो जाने के बाद भी कई राज्यों में 18 से 44 साल के लोगों में वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो पाया है. इस बीच खबर आई है कि एक सरकारी पैनल ने कोविशील्ड के दो डोज़ के बीच के अंतर को बढ़ाने की सिफारिश की है.
सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की. कोवैक्सीन की खुराकों के लिए बदलाव की अनुशंसा नहीं की.
कोविशील्ड के डोज़ के बीच में अंतर की सिफारिश तब आ रही है, जब वैक्सीन की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन उत्पादन को लेकर संघर्ष कर रही है. मांग के मुताबिक, उत्पादन नहीं हो पा रहा है.
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ऐसा पिछले तीन महीनों में तीसरी बार है, जब कोविशील्ड के डोज़ के बीच में अंतर बढ़ाया गया है. मार्च में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा था कि वो 'बेहतर नतीजों' के लिए 28 दिनों के अंतराल को बढ़ाकर 6-8 हफ्ते कर दें. उस वक्त केंद्र ने यह भी कहा था कि 'अगर कोविशील्ड छह से आठ हफ्तों के बीच में दिया जाए तो सुरक्षा बढ़ जाती है, लेकिन ज्यादा गैप नहीं होना चाहिए.'
इसपर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, 'पहले ऐसा था कि दूसरी डोज़ चार हफ्तों में लेनी है. फिर इसे पहले 6-8 हफ्ते किया गया और अब 12-16 हफ्ते कर दिया गया है. क्या ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक नहीं है या फिर इसलिए क्योंकि प्रोफेशनल साइंटिफिक सलाह ऐसा कहती है?' उन्होंने जवाब मांगते हुए कहा कि 'क्या हम मोदी सरकार से किसी तरह की पारदर्शिता की उम्मीद कर सकते हैं?'
First, it was 4 weeks for the 2nd dose, then 6-8 weeks and now we are told 12-16 weeks. Is this because there are not enough stocks of the vaccines for all who are eligible or because professional scientific advice says so? Can we expect some transparency from the Modi Govt? pic.twitter.com/DJy31KEA0a
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 13, 2021
गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन...
वैसे इसके इतर एक और अहम जानकारी गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन को लेकर है. पीटीआई सूत्रों के मुताबिक- गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है. स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं. सरकारी परामर्श समिति ने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित रह चुके लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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