CAA और NRC के खिलाफ मैदान में आए 103 साल के स्वतंत्रता सेनानी, कहा - मोदी हटाओ देश बचाओ

बेंगलुरु के चामराज नगर में इस कानून के खिलाफ रैली में प्रोफेसर दोराईस्वामी ने कहा कि अभी वक्त है कि सभी लोग एक हो जाएं.

CAA और NRC के खिलाफ मैदान में आए 103 साल के स्वतंत्रता सेनानी, कहा - मोदी हटाओ देश बचाओ

बेंगलुरु में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी (प्रतीकात्मक)

खास बातें

  • 103 साल के स्वतंत्रता सेनानी भी हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल
  • कहा- अब देश से मोदी को हटाने की है जरूरत
  • बेंगलुरु में जारी है इस कानून का विरोध
नई दिल्ली:

कर्नाटक के बेंगलुरु में नागरिकता कानून (CAA)और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा है. अब इस प्रदर्शन में 103 साल के स्वतंत्रता सेनानी प्रोफेसर दोराईस्वामी भी शामिल हो गए हैं. बेंगलुरु के चामराज नगर में इस कानून के खिलाफ रैली में प्रोफेसर दोराईस्वामी ने कहा कि अभी वक्त है कि सभी लोग एक हो जाएं. एक साथ खड़े हों. अब हमें मोदी हटाओ और देश बचाओ के लिए लड़ना चाहिए. बेंगलुरु में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन न हो रहा हो. कुछ दिन पहले ही IIM के छात्रों ने भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया था. 

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IIM बेंगलुरु के छात्रों ने नागरिकता कानून का विरोध दर्ज कराने के लिए मेन गेट के बाहर ही अपने जूते-चप्पल छोड़ दिए था. एक प्रोफेसर ने भी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे छात्रों का समर्थन किया और उन्होंने भी एक पोस्टर पर अपने जूते रख दिए. धारा 144 लागू होने के चलते छात्र वहां जूते-स्लीपर रखने के लिए अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते देखे गए थे. कुछ छात्रों ने उस जगह पर फूल भी रखे. एक छात्रा ने बताया था कि उसने देश में शांति के लिए ऐसा किया है. कुछ छात्र ऐसे भी थे जो इस शांतिपूर्वक प्रदर्शन में शामिल होना चाहते थे लेकिन प्लेसमेंट के नतीजे प्रभावित होने की वजह से ऐसा नहीं कर सके. एक छात्रा ने कहा था कि हां जरूर, हम डरे हुए हैं. हम सिर्फ स्टूडेंट्स हैं.

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IIM बेंगलुरु के प्रोफेसर दीपक ने NDTV से बातचीत में बताया था कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी हमारी पहचान बदल रहा है. वह इसे शैक्षणिक नजर से देख रहे हैं. यह छात्रों के लिए सामाजिक मुद्दे पर बोलने का अच्छा अवसर भी है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटीज़ को न्यूट्रल रहना चाहिए. हमें इसके (कानून) विरोध में प्रदर्शन की इजाजत देनी चाहिए, हालांकि वास्तविकता में यह प्रदर्शन नहीं है. बताते चलें कि यूनिवर्सिटी के बाहर पुलिस तैनात है लेकिन छात्रों द्वारा इस तरह से विरोध जताने पर किसी भी पुलिसकर्मी ने हस्तक्षेप नहीं किया.

VIDEO: बेंगलुरु में सड़कों पर लोग.

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