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This Article is From Dec 03, 2012

मानखुर्द के 'बदनाम' सुधारगृह से भागीं 10 लड़कियां

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
मानखुर्द के 'नवजीवन रिमांड होम' से सोमवार की सुबह−सुबह दस लड़कियां भाग निकली हैं। एक लड़की को पकड़ लिया गया है, लेकिन बाकी 9 लड़कियों का फिलहाल अता−पता नहीं है। पिछले तीन महीनों में यहां से लड़कियों के भागने की यह तीसरी घटना है।
मुम्बई: महाराष्ट्र के मानखुर्द के रिमांड होम से भागी 10 लड़कियों के भागने की खबर है। तीन महीने में इस तरह की यह तीसरी घटना है। बता दें कि एनडीटीवी ने दिखाया था कि कैसे नरक जैसी हालत में यहां लड़कियां रह रही थीं।

मानखुर्द के 'नवजीवन रिमांड होम' से सोमवार की सुबह−सुबह दस लड़कियां भाग निकली हैं। एक लड़की को पकड़ लिया गया है, लेकिन बाकी नौ लड़कियों का फिलहाल अता−पता नहीं है। पिछले तीन महीनों में यहां से लड़कियों के भागने की यह तीसरी घटना है।

बीते ही हफ्ते इस रिमांड होम के हालात पर हाईकोर्ट की बनाई जांच कमेटी की रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां बिल्कुल अमानवीय हालात हैं, जिनकी वजह से लड़कियां भागने और खुदकुशी करने तक को मजबूर होती हैं।

पिछले हफ्ते जब हाईकोर्ट की जांच कमेटी ने इस रिमांड होम पर अपनी रिपोर्ट दी थी तो इसके केयर टेकर को फौरन हटा दिया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक,  इस रिमांड होम में लाचार लड़कियों के साथ बदतरीन सलूक होता है।  

मुंबई में महिला सुधार गृह पर आई खबरों के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक कमेटी बनाई थी, जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। सरकार घिर रही है क्योंकि पुलिस की रिपोर्ट अब सवालों के घेरे में है। 28 पेज की इस रिपोर्ट में रिमांड होम की काली दुनिया को बयान किया गया है।

इसके पहले राज्य की बनाई जांच कमेटी भी यहां आ चुकी थी। रिमांड होम के अमानवीय हालत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां जिंदगी कैसे कटती है।

रिमांड होम में 16 टॉयलेट और 14 बाथरुम है। सिर्फ दो ही ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि रिमांड में करीब 200 लड़कियां रहती हैं। एनडीटीवी के टीम ने पाया कि वहां पर खाना भी सड़ा हुआ खिला दिया जाता है।

जांच समिति से एक लड़की ने अपने बयान में कहा, हम पर मैडम बहुत चिल्लाती हैं, सिर्फ हल्दी, नमक और मिर्ची में खाना बनाते हैं। कांदा और हरी मिर्ची भी नहीं देते, खाना कच्चा होता है। खाने में पानी इतना होता है कि लोग नहा सकते हैं।

उसका कहना है कि जिस दिन मटन बनता है उस दिन 50−60 लड़कियों के लिए सिर्फ दो किलो सब्जी बनती है। दोपहर का खाना तीन बजे के बाद देतें हैं। बोलते हैं कि काम नहीं करोगे तो खाना नहीं देंगे। जेल के जैसा कीड़ा वाला खाना देते हैं। हम लोग गरीब हैं मगर हमारे घर पर भी थोड़े से तेल में अच्छा खाना बनता है, यहां के जैसा नहीं।

गौरतलब है कि मानखुर्द के इसी रिमांड होम से अक्टूबर महीने में  23 लड़कियां फरार हो गई थीं। उसमें से एक लड़की ने मीडिया से बात कर रिमांड में बलात्कार होने की बात कहकर सनसनी फैला दी थी। लड़की ने मीडिया से कहा कि वह जबरदस्ती बाहर जाने के लिए कहते हैं, ना जाने पर गुस्सा करते हैं।  इस मामले में बंबई हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया था। जांच में उस लड़की की बात को दम मिलता दिखा है।

रिपोर्ट के मुताबिक,  8 सितंबर 2012 को एक लड़की रिमांड होम में लाई गई थी। तब उसकी प्रेगनेंसी रिपोर्ट निगेटिव थी, लेकिन 23 अक्टूबर को जब फिर से उसका प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया गया तो वह पॉजीटिव निकला। जबकि इस दौरान वह रिमांड होम में ही रही।

हाईकोर्ट की जांच समिति सदस्य डॉ हरीश शेट्टी ने बता कि वह रिमांड होम बिल्कुल नहीं लगा, जेल जैसा था। रिमांड होम की इन्हीं ज्यादतियों की वजह से कई लड़कियां अपनी कलाई काट खुदकुशी की कोशिश भी कर चुकी हैं। हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में लड़कियों से रिश्वत लेने की बात भी कही गई है।

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