देश के संगठित क्षेत्र में सितंबर, 2017 से नवंबर, 2018 के दौरान 15 माह में 1.8 करोड़ रोजगार पैदा हुये. भविष्य निधि कोष ईपीएफओ, पीएफआरडीए तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के उपलब्ध (कर्मचारियों की संख्या और वेतन) आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर किए गए अध्ययन के अनुसार नवंबर, 2018 तक ईएसआईसी संचालित ईएसआई योजना में नवंबर, 2018 तक की 15 माह की अवधि में कुल 1,84,38,748 नए सदस्य जुड़े. सीएसओ के शुक्रवार को जारी अध्ययन के अनुसार, इसी प्रकार सितंबर, 2017 से नवंबर, 2018 के दौरान कुल 1,79,34,300 नए सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े.
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हालांकि, अध्ययन में कहा गया है कि इस 15 माह की अवधि में 1,39,31,607 सदस्य ईपीएफओ योजनाओं से बाहर भी निकले और 33,48,093 फिर से जुड़े. इस तरह कुल मिलाकर इस अवधि में शुद्ध रूप से 73,50,786 सदस्य इन योजनाओं से जुड़े. अध्ययन के अनुसार नवंबर, 2018 में 10,31,484 नए सदस्य ईएसआई योजना से जुड़े. यह नवंबर, 2017 में इस योजना से जुड़े 11,84,042 सदस्यों से 12.88 प्रतिशत कम है. इन 15 माह की अवधि में जुलाई, 2018 में सबसे अधिक 14,68,880 सदस्य ईएसआई योजना से जुड़े. इससे पहले इसी महीने जारी किए गए ईपीएफओ वेतन- रजिस्टर आंकड़ों के अनुसार नवंबर, 2018 मे औपचारिक क्षेत्र में रोजगार सृजन 48 प्रतिशत बढ़कर 15 माह के उच्चस्तर 7.32 लाख पर पहुंच गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह आंकड़ा 4.93 लाख था.
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इसमें यह भी कहा गया है कि इन 15 माह की अवधि में नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के अंशधारकों की अनुमानित संख्या 9,19,791 रही। एनपीएस योजना पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा चलाई जाती है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा स्वैच्छिक अंशधारक भी आते हैं. सीएसओ की रिपोर्ट में संगठित क्षेत्र में रोजगार के स्तर के विभिन्न परिदृश्य दिए गए हैं. इसमें रोजगार का संपूर्ण स्तर नहीं बताया गया है. अप्रैल, 2018 से सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय संगठित क्षेत्र के रोजगार आधारित आंकड़े दे रहा है. इसमें सितंबर, 2017 से शुरू हुई अवधि को लिया गया है.
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ये आंकड़े तीन प्रमुख योजनाओं ईपीएफ, ईएसआई तथा एनपीएस योजनाओं के तहत जुड़े अंशधारकों के आधार पर लिए गए हैं. मंत्रालय की इकाई सीएसओ ने कहा है कि यह रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों से प्राप्त अंशधारकों की संख्या पर आधारित हैं. ऐसे में इनमें एक दूसरे के आंकड़े शामिल होने की गुंजाइश है.
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