National Ayurvedic Day 2024: आयुर्वेद के इतिहास की बात करें तो ये लगभग 5000 साल पुराना है. इस शब्द का अर्थ होता है ‘जीवन का विज्ञान' जो न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है. आयुर्वेद न केवल रोगों के उपचार पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने का तरीका भी सिखाता है. आयुर्वेदिक दिवस भारत में हर साल धन्वंतरि जयंती पर मनाया जाता है, जो आमतौर पर धनतेरस के दिन पड़ता है. इस साल आर्युवेदिक दिवस 29 अक्टबूर को मनाया जाएगा. इस दिन को सेलीब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपरा के महत्वपूर्ण हिस्से आयुर्वेद के प्रति लोगो के बीच जागरूकता फैलाना और इससे होने वाले लाभों के बारे में लोगों को बताना है. आइए जानते हैं कि इस दिन को कब से मनाया जाता है और इसके उद्देश्य.
आयुर्वेदिक दिवस का इतिहास और उद्देश्य
बता दें कि आयुर्वेद आज से नहीं बल्कि इसका इतिहास हजारों साल पुराना है और यह भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है. पुराने समय से इस प्रणाली से रोगों का उपचार किया जा रहा है. औषधि और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कर के ही इलाज किया जाता था. आर्युवेदिक दवाइयों की बात करें तो इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके सेवन से किसी तरह के साइड इफेक्ट नहीं होते हैं क्योंकि ये पूरी तरह से प्राकृतिक होती हैं. 2016 में भारत सरकार ने इस दिवस की शुरुआत की, ताकि लोग आयुर्वेद के लाभ, इसकी उपचार पद्धतियों, और स्वस्थ जीवनशैली में इसके महत्व को समझें और अपनाएं. यह दिन भगवान धन्वंतरि को भी समर्पित है, जिन्हें आयुर्वेद का देवता माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे.
आयुर्वेदिक दिवस का महत्व ( Ayurvedic Day Importance)
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता:
- आयुर्वेदिक दिवस लोगों को नेचुरल तरीकों और लाइफस्टाइल में बदलाव करके हेल्दी रहने के महत्व के बारे में जागरूक करता है.
- इसमें पंचकर्म, योग, प्राणायाम, और बैलेंस डाइट पर जोर दिया जाता है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है.
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प्राकृतिक चिकित्सा का प्रचार:
- आयुर्वेद में उपचार के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और औषधियों का प्रयोग होता है, जो शरीर को बिना किसी दुष्प्रभाव के ठीक करने का दावा करती हैं.
- आयुर्वेदिक दिवस पर इन उपचार पद्धतियों के बारे में जानकारी दी जाती है और लोगों को इस ओर प्रोत्साहित किया जाता है.
बीमारियों की रोकथाम:
- आयुर्वेद में विशेष रूप से रोगों की रोकथाम के लिए उपाय बताए गए हैं. आयुर्वेदिक दिवस के दौरान लोगों को सिखाया जाता है कि कैसे आयुर्वेदिक तरीकों से बीमारियों से बचाव किया जा सकता है और पुरानी बीमारियों का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है.
आयुर्वेदिक उद्योग और शोध को बढ़ावा:
- यह दिन आयुर्वेदिक उद्योग को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में नए शोध को प्रेरित करने का अवसर है. इसके माध्यम से आयुर्वेद के नए आयामों और प्रभावों का अध्ययन और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है.
परंपरा और संस्कृति का सम्मान:
- आयुर्वेद भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है. आयुर्वेदिक दिवस के माध्यम से इस परंपरा को संजोए रखने और नई पीढ़ी तक इसे पहुंचाने का उद्देश्य है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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