प्री-डायबिटीज तब होता है जब आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य स्तर से अधिक होता है, लेकिन इसे मधुमेह नहीं माना जाता. शरीर में ब्लड शूगर और इंसुलिन का लेवल हाई होने पर डायबिटीज तब होता है. जब भी ग्लूकोज का लेवल लंबे समय तक हाई होता है तब समस्याएं उत्पन्न होती हैं और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पैनक्रिया पर्याप्त इंसुलिन बनाने में असमर्थ होती हैं. यदि आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव नहीं करते हैं, तो प्री-डायबिटीज टाइप 2 मधुमेह में बदल सकती है. इस बीमारी को खुद से दूर करने के लिए आपको अपनी डाइट, शारीरिक गतिविधियां और वजन कंट्रोल करने की जरुरत है. प्री-डायबिटीज का सटीक कारण अनुवांशिक, खराब डाइट और तनावपूर्ण लाइफस्टाइल माना जाता है. गठिया के अलावा स्किन फैटी होना, कम दिखना और वजन कम होना भी प्री-डायबिटीज के लक्षणों में से एक है.
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1. अत्यधिक थकान
यह सामान्य है जब आप ऑफिस में बहुत अधिक काम करने के बाद थका हुआ महसूस करते हैं, लेकिन अगर आप हर समय ही थका हुआ महूसस कर रहे हैं तो यह असामान्य माना जाएगा. यदि आप उबाऊ फील कर रहे है और आपको बार-बार नींद आ रही है, तो यह चिंता का विषय है. ऐसा होने का कारण शूगर हो सकता है, जो आपके रक्त प्रवाह को बाधा पहुंचाता है.
तनाव और अनुवांशिक होने के साथ-साथ बालों का झड़ने इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं, इंसुलिन प्रतिरोध उनमें से एक है. इंसुलिन प्रतिरोध प्रीइबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज का संकेत है. यदि आपके बाल अप्राकृतिक रूप से झड़ रहे हैं, तो आपको अपने ब्लड शूगर लेवल की जांच कराने की आवश्यकता है.
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4. पीते हैं ज्यादा पानी
यह सच है कि जब ब्लड ग्लूकोज लेवल हाई होता है तो आपको अधिक लिक्विड की जरूरत होती है, लेकिन ऐसे में अधिक पानी पीना आपके लिए हानिकारक हो सकता है. प्री-डायबिटीज के महत्वपूर्ण लक्षणों में से एक यह है कि आप न केवल प्यास लगने पर बल्कि पेट भरा होने के बावजूद पानी पीतें है.
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