1 जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय (Dr. Bidhan Chandra Roy) का जन्मदिन और पुण्यतिथि है. उनके सम्मान में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. उनके सम्मान में इसी दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी का सम्मान कर श्रद्धांजलि दी जाती है.
नेशनल डॉक्टर डे पर शेयर करें ये कोट्स और मैसेज (Happy Doctor's Day Quotes, Wishes N Messages)
मेरे जीवन में माता-पिता के बाद
अगर उनसी देखभाल किसी ने की है,
तो वह डॉक्टर ही है.
Happy Doctors Day
--
सच, सच बताओ
किस किस के साथ ऐसा हुआ है
कि दवा से ज्यादा
किसी डॉक्टर की मुस्कराहट ने असर दिखाया हो
Happy Doctors Day
--
सच कहते हैं जीवन जीना एक कला है
कई बार मौत के करीब से
आपको वापस लाने वाला डॉक्टर
उसकी सही कीमत बता जाता है
Happy Doctors Day
--
हल्के में न लेना इसे,
लेकिन जीवन में माँ-बाप के बाद
एक डॉक्टर की ही सही सलाह सबसे जरूरी है
Happy Doctors Day
--
अगर आप खुद से अपनी देखभाल कर लेते हैं,
तो फिर आप अपने अच्छे डॉक्टर हैं.
Happy Doctors Day
--
मां सबसे पहली डॉक्टर है,
जो ताउम्र हमारी देखभाल करती है
Happy Doctors Day
--
भई दिल तो वही एक डॉक्टर जीत लेता है,
जो रोते हुए को हंसते हुए भेजता है.
Happy Doctors Day
--
संसार में डॉक्टर ही हैं,
जिसे हम उसी नजर से देखते हैं,
जैसे भगवान से दुआ कर रहे हों...
Happy Doctors Day
National Doctors Day: कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) में डॉक्टर फ्रंट लाइन योद्धा के रूप में सामने आए हैं.
नेशनल डॉक्टर्स डे का इतिहास (History Of National Doctors Day)
केंद्र सरकार ने 1991 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. इसके बाद से हर साल डॉक्टर्स डे को एक थीम के साथ मनाया जाता है. भारत में हर 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. इसी दिन यानी 1 जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि है. उनके सम्मान में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. उनके सम्मान में इसी दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी का सम्मान कर श्रद्धांजलि दी जाती है.
Doctor's Day: इस दिन को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है.
कौन थे डॉ बिधानचंद्र रॉय?
डॉ. बिधानचंद्र रॉय ने चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया. उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल से डॉक्टरी की पढ़ाई की कोशिश की, लेकिन उस समय उनके भारतीय होने के चलते उन्हें दाखिला नहीं दिया गया, बिधानचंद्र नहीं मानें और तकरीबन डेढ़ महीने तक डीन के पास आवेदन करते रहे, आखिर में डीन ने हार मानकर 30वीं बार में उनका आवेदन स्वीकार कर लिया.
अपनी निष्ठा के चलते रॉय ने सवा दो साल में ही रॉय ने डिग्री लेकर एक साथ फिजिशन और सर्जन की रॉयल कॉलेज की सदस्यता पाई. ऐसा बहुत ही कम लोग कर पाते थे. पढ़ाई के बाद भारत लौटकर डॉक्टर रॉय ने चिकित्सा के क्षेत्र में विस्तृत काम किए. डॉक्टर बिधानचंद्र का जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था और उनका निधन भी 1 जुलाई के दिन साल 1962 में हुआ था.
Happy Doctors Day 2020!