Monsoon Eyes Care: मानसून के सीजन में होने वाली बारिश से मौसम सुहावना हो जाता है. लेकिन यही बारिश अपने साथ कई तरह के वायरस भी लेकर आती है. इन्हीं वायरस के कारण लोगों को मानसून के दौरान कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. मानसून के सीजन में होने वाली ऐसी ही एक आंखों की बीमारी है, जिसे कंजक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है. आंखों से जुड़ी इस बीमारी के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है. कंजक्टिवाइटिस के कारण आंखें लाल हो जाती है, आंखों में पानी आने लगता है, सूजन और खुजली जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए नेत्र विशेषज्ञ मानसून में आंखों का खास ख्याल रखने की सलाह देते है.
क्या होता है कंजक्टिवाइटिस?
बारिश के मौसम में होने वाली आम बीमारियों में कंजक्टिवाइटिस एक है.इसमें आंखों के ग्लोब (कर्निया को छोड़कर) पर एक झिल्ली चढ़ी होती है. मेडिकल साइंस में जिसे कंजक्टाइवा कहा जाता है. इस झिल्ली में इंफेक्शन या एलर्जी होने पर सूजन आ जाती है. जिसे नेत्र विशेषज्ञ कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं. कंजक्टिवाइटिस को आई फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. कंजंक्टिवाइटिस तीन प्रकार के होते हैं वायरल, एलर्जिक और बैक्टीरियल.
कंजक्टिवाइटिस के लक्षणः
- मानसून को दौरान होने वाली कंजंक्टिवाइटिस बीमारी के फैलने का मुख्य कारण इंफेक्शन है. यह बहुत कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच फैल सकता है.कंजंक्टिवाइटिस होने पर कुछ प्रकार के लक्षण नजर आंखों में नजर आते है.
- कंजक्टिवाइटिस के कारण एक या फिर दोनों आंखों के रंग में परिवर्तन नजर आता है, आंखों का रंग लाल या फिर गुलाबी दिखाई देने लगता है.
- कंजक्टिवाइटिस के कारण असामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना शुरू हो जाते हैं.
- कंजक्टिवाइटिस होने के बाद आंखों से गाढ़ा पानी निकलने लगता है.
- आंखों में किरकिरी से महसूस होने लगती है.
- कंजक्टिवाइटिस के कारण कई बार आंखों पर सूजन भी नजर आने लगती है.
कैसे बचें कंजक्टिवाइटिस सेः
बारिश से मौसम कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होता है. ऐसे में कंजक्टिवाइटिस से बचने के लिए कई सावधानियां रखने की जरूरत है.
- कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
- पीड़ित द्वारा इस्तेमाल की गई किसी भी चीज के संपर्क में आने से बचें.
- जिससे आपको एलर्जी हो ऐसी वस्तुओं से भी दूरी बनाकर रखें.
- स्विमिंग के पूल के पानी में क्लोरीन बहुत होती है. इससे भी कंजक्टिवाइटिस होने का खतरा होता है.
- लंबे समय तक कांटेक्ट लेंस लगाए रखने से भी कंजंक्टिवाइटिस फैलता है.
- वाहन चलाने समय चश्मे का इस्तेमाल करें, ताकि आंखें धूल- प्रदूषण से बच सकें.
- बार बार अपनी आंखों को छूने से बचें.
- कंजक्टिवाइटिस से बचने के लिए साफ सफाई का खास ध्यान रखें.
- अपना निजी सामान जैसे तैलिया, तकिया और आई मेकअप किट किसी को न दें.
- चादर – तकिए को रोज धोएं.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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