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पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाया, भारतीय वायुसेना की मदद से हुई जीवन रक्षक सर्जरी

"IAF C-17 ग्लोबमास्टर ने कल देर रात हिंडन से R&R मिलिट्री अस्पताल के मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक टीम के साथ उड़ान भरी. C-17 विमान के लिए ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया, जिससे एक बड़ी जीवन रक्षक सर्जरी संभव हुई."

पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाया, भारतीय वायुसेना की मदद से हुई जीवन रक्षक सर्जरी
पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाने के लिए ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया.

भारतीय वायुसेना ने एक बड़े ऑपरेशन में सी-17 ग्लोबमास्टर विमान का उपयोग करके पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाया, जिससे एक बड़ी जीवन रक्षक सर्जरी संभव हुई. पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाने के लिए सी-17 विमान के लिए ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया.  "एक पल की सूचना पर, #IAF C-17 ग्लोबमास्टर ने कल देर रात हिंडन से R&R मिलिट्री अस्पताल के मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक टीम के साथ उड़ान भरी. C-17 विमान के लिए ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया, जिससे एक बड़ी जीवन रक्षक सर्जरी संभव हुई,"

IAF ने एक्स पर पोस्ट किया, लिखा कि, एक पल की सूचना पर, #IAF C-17 ग्लोबमास्टर ने R&R मिलिट्री अस्पताल मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम के साथ कल देर रात हिंडन से उड़ान भरी. पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को हवाई मार्ग से ले जाने के लिए सी-17 विमान के लिए एक ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया.

इससे पहले भारतीय वायु सेना (IAF) ने टाइफून यागी के कारण आई भीषण बाढ़ के बाद वियतनाम (हनोई) में मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान चलाने के लिए अपने C-17 ग्लोबमास्टर विमान को तैनात किया था.

हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर C-17 टीम द्वारा लोडिंग और कॉर्डिनेशन किया गया. वियतनाम के लिए वाटर प्यूरिफिकेशन मटेरियल, पानी के कंटेनर, कंबल, रसोई के बर्तन, सौर लालटेन सहित 35 टन सहायता भेजी गई.

एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "भारत ने ऑपरेशन सद्भाव शुरू किया. टाइफून यागी से प्रभावित लोगों के साथ हमारी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए, भारत म्यांमार, वियतनाम और लाओस को सहायता भेज रहा है. आज भारतीय नौसेना के आईएनएस सतपुड़ा पर म्यांमार के लिए सूखा राशन, कपड़े और दवाइयों सहित 10 टन सहायता भेजी गई. @IAF_MCC वियतनाम के लिए वाटर प्यूरिफिकेशन मटेरियल, पानी के कंटेनर, कंबल, रसोई के बर्तन, सौर लालटेन सहित 35 टन सहायता ले जा रहा है. लाओस के लिए 10 टन सहायता में जेनसेट, हाइजीन सप्लाइज, मच्छरदानी, कंबल और स्लीपिंग बैग शामिल हैं."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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