
Symptoms of Leprosy: कुष्ठ रोग (leprosy) जिसे Hansen's Disease भी कहा जाता है, कोई पुरानी या लाइलाज बीमारी नहीं है. यह एक इन्फेक्शन है, जो Mycobacterium leprae नाम के बैक्टीरिया से होता है. समय पर पहचान और सही इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है. हालांकि, अगर इसे नजरअंदाज कर दिया जाए, तो स्किन, नर्व्स और दूसरे अंगों पर गंभीर असर डाल सकता है.
क्या कुष्ठ रोग आज भी मौजूद है?
हां, यह बीमारी आज भी मौजूद है, लेकिन पहले की तुलना में अब रेयर हो चुकी है. World Health Organization (WHO) के मुताबिक, दुनिया भर में लगभग 2 लाख 8 हजार लोग इससे प्रभावित हैं. सबसे ज्यादा केस एशिया और अफ्रीका में पाए जाते हैं. अमेरिका में हर साल करीब 100 लोग कुष्ठ रोग की चपेट में आते हैं.
किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
हालांकि कुष्ठ रोग किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह सबसे ज्यादा 5 से 15 साल और 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिलता है. एक राहत की बात यह है कि 95% लोगों की बॉडी इस बीमारी के बैक्टीरिया से खुद ही लड़ लेती है, जिससे वे संक्रमित नहीं होते.
Also Watch: Vaginismus In Hindi: महिलाओं की ऐसी समस्या, जो यौन संबंधों को बनाती है दर्दनाक, कारण और उपचार
कुष्ठ रोग तीन तरह का होता है-
Tuberculoid leprosy (Paucibacillary leprosy): इसमें शरीर पर बहुत कम घाव होते हैं, क्योंकि इम्यून सिस्टम अच्छा रिस्पॉन्स देता है.
Lepromatous leprosy (Multibacillary leprosy) : यह ज्यादा सीरियस होता है और इसमें शरीर पर कई जगह घाव हो सकते हैं. यह नर्व्स, स्किन और इंटरनल ऑर्गन्स को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
Borderline leprosy (Dimorphus leprosy) : इसमें दोनों तरह के कुष्ठ रोग के लक्षण मिलते हैं.
कुष्ठ रोग के लक्षण (Symptoms of Leprosy)
इस बीमारी के लक्षण तुरंत नजर नहीं आते. इन्फेक्शन के 3 से 5 साल बाद इसके संकेत दिखने लगते हैं, जबकि कुछ मामलों में 20 साल तक भी लक्षण नहीं दिखते. कुष्ठ रोग के तीन प्रमुख लक्षण ये हैं:
- स्किन पर हल्के लाल या सफेद पैच, जिनमें सेंसिटिविटी कम हो जाती है
- हाथ-पैर, बाजू और टांगों में झनझनाहट या सुन्नपन
- दर्द रहित घाव, जो आसानी से नहीं भरते
- इसके अलावा, कई मरीजों में ये लक्षण भी नजर आते हैं:
- स्किन का मोटा या सख्त होना
- नर्व्स का मोटा हो जाना
- आइब्रो और आईलैशेस का झड़ना
- नाक बंद रहना या बार-बार नोज़ ब्लीड होना
अगर इलाज न किया जाए, तो बीमारी बढ़ने पर पैरालिसिस, विज़न लॉस, उंगलियों और पैर की अंगुलियों का छोटा होना, और स्किन पर हमेशा रहने वाले घाव जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
कैसे फैलता है कुष्ठ रोग? (How does leprosy spread?)
यह बीमारी हवा के जरिए फैल सकती है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है. हालांकि, यह बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं है. हाथ मिलाने, गले लगने, साथ बैठने या सेक्सुअल कॉन्टैक्ट से यह बीमारी नहीं फैलती.
क्या जानवरों से भी यह बीमारी फैल सकती है?
हां, कुछ Armadillos (एक खास प्रकार का जानवर) इस बैक्टीरिया को कैरी कर सकते हैं और इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं.
कुष्ठ रोग की पहचान कैसे होती है?
अगर किसी को कुष्ठ रोग का शक हो, तो स्किन बायोप्सी की जाती है. इसमें स्किन का छोटा सा सैंपल लेकर लैब में जांच की जाती है.
क्या कुष्ठ रोग का इलाज संभव है? (Is leprosy curable?)
हां, आज के समय में यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है. Multidrug therapy (MDT) के जरिए मरीज को Dapsone, Rifampin और Clofazimine जैसी एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. इनका कॉम्बिनेशन बैक्टीरिया को खत्म करने और एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस रोकने में मदद करता है.
हालांकि, ये एंटीबायोटिक्स नर्व डैमेज को ठीक नहीं कर सकतीं. इसके लिए डॉक्टर स्टेरॉयड्स या दूसरे एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं.
Also Watch: ब्रा पहनने या मेकअप से होता है Breast Cancer | कारण, लक्षण, इलाज | Cancer ke Lakshan, Karan, Ilaj
इलाज में कितना वक्त लगता है?
सामान्य तौर पर कुष्ठ रोग का इलाज 1 से 2 साल तक चलता है. इस दौरान मरीज को लगातार डॉक्टर की निगरानी में रहना पड़ता है.
कैसे करें बचाव?
इस बीमारी के चांस वैसे भी बहुत कम होते हैं, लेकिन फिर भी अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं, तो नाक और मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से बचाव करें.
कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियां
कई लोग आज भी कुष्ठ रोग को लेकर डरते हैं, जबकि यह बीमारी अब 100% क्योरबल है. पहले के समय में कुष्ठ रोगियों को समाज से अलग कर दिया जाता था, लेकिन अब इसकी कोई जरूरत नहीं है.
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर स्किन पर गहरे निशान, सुन्नपन, मसल वीकनेस या अचानक घाव होना जैसी समस्याएं नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतना ही कम नुकसान होगा.
कुल मिलाकर कुष्ठ रोग अब कोई लाइलाज बीमारी नहीं है. अगर वक्त पर पहचान हो जाए, तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है. इसलिए, कुष्ठ रोग से जुड़े भ्रम और डर से बाहर निकलना जरूरी है. अगर कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें और सही इलाज कराएं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं