सेहत के लिए खराब है अगरबत्ती और धूपबत्ती
नई दिल्ली:
अगरबत्ती और धूपबत्ती के धुएं से आपको दिल संबंधी बीमारियां, सिर में दर्द और कैंसर तक हो सकता है. नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में हुई इस रिसर्च में दो तरीकों की बत्तियों पर रिसर्च की गई. यह दोनों बत्तियां 96 प्रतिशत लोगों के घरों में इस्तेमाल होती हैं. इसे तीन घंटों तक एक कमरे में जलाया और पूरे 24 घंटे तक इस बंद कमरे में ह्यूमन लंग सेल्स को रखा गया. इसमें पाया कि इससे निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड. सल्फर डाइऑक्साइड और निट्रोजेन ऑक्साइड इंसान के लिए फेफड़ों को खराब करने के लिए काफी हैं. इसका प्रभाव ठीक सिगरेट के धुएं जैसा हुआ.
सभी घरों में हर सुबह पूजा-पाठ में अगरबत्ती और धूपबत्ती का इस्तेमाल होता हैं. इससे घर का हर एक कोना भगवान की भक्ति से महक उठता है. मंदिरों में भी बहुत ज्यादा मात्रा में इन खुशबूदार बत्तियों का उपयोग किया जाता है. लेकिन क्या आपको मालूम है आपकी हर सुबह को अध्यात्म से भर देने वाली ये चीज़ आपको बीमार बना सकती है. 2013 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक इन बत्तियों का धुआं सिगरेट के धुएं से ज़्यादा खतरनाक होता है.
इतना ही नहीं 2008 में हुई एक और रिसर्च में पाया गया कि इन बत्तियों का लगातार इस्तेमाल रेस्पिरेटरी कैंसर का कारण भी बन सकता है.
इसके अलावा यह धुआं अस्थमा मरीज़ों के लिए भी खतरनाक होता है. वहीं, जिन घरों में नियमित तौर पर अगरबत्ती और धूपबत्ती का इस्तेमाल होता है वहां रहने वाले लोगों में अस्थमा के लक्षण देखें जाते हैं.
सभी घरों में हर सुबह पूजा-पाठ में अगरबत्ती और धूपबत्ती का इस्तेमाल होता हैं. इससे घर का हर एक कोना भगवान की भक्ति से महक उठता है. मंदिरों में भी बहुत ज्यादा मात्रा में इन खुशबूदार बत्तियों का उपयोग किया जाता है. लेकिन क्या आपको मालूम है आपकी हर सुबह को अध्यात्म से भर देने वाली ये चीज़ आपको बीमार बना सकती है. 2013 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक इन बत्तियों का धुआं सिगरेट के धुएं से ज़्यादा खतरनाक होता है.
इतना ही नहीं 2008 में हुई एक और रिसर्च में पाया गया कि इन बत्तियों का लगातार इस्तेमाल रेस्पिरेटरी कैंसर का कारण भी बन सकता है.
इसके अलावा यह धुआं अस्थमा मरीज़ों के लिए भी खतरनाक होता है. वहीं, जिन घरों में नियमित तौर पर अगरबत्ती और धूपबत्ती का इस्तेमाल होता है वहां रहने वाले लोगों में अस्थमा के लक्षण देखें जाते हैं.
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