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'हिचकी' आने पर कोई सच में याद करता है या इसके पीछे भी है कोई साइंस

अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि जब कभी हमें हिचकी आती है तो साथ वाला शख्स तुरंत ही इस बात को कहने लगता है, "अरे यार तुमको कोई याद कर रहा होगा?" और हम भोले-भाले मनुष्य उनकी बातों को सच मान दिमाग पर जोर डालने लगते हैं कि भला वो है कौन, जो हमें इतना याद कर रहा है. क्या सच में ऐसा ही होता है या फिर इसकी कुछ और ही वजह है?

'हिचकी' आने पर कोई सच में याद करता है या इसके पीछे भी है कोई साइंस

अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि जब कभी हमें हिचकी आती है तो साथ वाला शख्स तुरंत ही इस बात को कहने लगता है, "अरे यार तुमको कोई याद कर रहा होगा?" और हम भोले-भाले मनुष्य उनकी बातों को सच मान दिमाग पर जोर डालने लगते हैं कि भला वो है कौन, जो हमें इतना याद कर रहा है. क्या सच में ऐसा ही होता है या फिर इसकी कुछ और ही वजह है?

'हिचकी' आते ही हम अपने दिमाग में रिश्तेदारों, दोस्तों और शुभचिंतकों की लिस्ट बनाने लगते हैं पर अगर इससे भी कुछ नहीं होता तो हम लोग पानी पी लेते हैं जिससे हमें हिचकियों से किसी तरह छुटकारा मिल जाए. हालांकि, हिचकी का किसी की याद से कोई वास्ता नहीं है. साइंस में हिचकी क्यों आती है इसे लेकर तर्क दिया गया है.

वैज्ञानिकों की मानें तो हिचकी आने का संबंध हमारी सांस से है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो हमारे डाइजेशन या रेस्पिरेटरी सिस्टम में जब कोई दिक्कत होती है तो हमें हिचकी आनी शुरू हो जाती है. हिचकी अक्सर कुछ समय के लिए परेशान करने वाली कंडीशन से ज्यादा कुछ नहीं होती. अगर आप बहुत तेजी से खाते हैं या कुछ पीते हैं, तो अचानक हिचकी आ सकती है. यह आपके डायाफ्राम की बार-बार होने वाली ऐंठन है, जो आपके वोकल कॉर्ड्स के बंद होने से आने वाली 'हिक' साउंड के साथ सुनाई देती है.

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हिचकी का कारण अज्ञात होता है और इसका कोई स्पष्ट वजह नहीं है. इसके कुछ मुख्य कारण हैं, जो विशेष रूप से वे जो डायाफ्राम पर दबाव डालते हैं, कुछ लोगों में समय-समय पर हिचकी आने की परेशानी रहती है. इसके कुछ मुख्य कारण हैं- तेजी से खाना, गर्म या मसालेदार खाना, अपच, शराब का अधिक सेवन, फिजी ड्रिंक, सिगरेट पीना, तनाव, बुरी गंध और गर्भावस्था.

अब आपके मन ये सवाल उठ रहा होगा कि हमारे घर के बड़े बुजुर्ग फिर ऐसा क्यों कहते थे आपको बता दें कि ऐसा लोग इसलिए कहते थे क्योंकि ऐसा करने के कारण हमारा ध्यान भटकता है और हिचकी रुक जाती है. दरअसल जब आप अपने दिमाग पर जोर डालते हैं तो आपका दिमाग हिचकी के ऊपर से हटकर दूसरी ओर चला जाता है.
 



(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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