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Explainer: क्या आप जानते हैं जानलेवा सेप्टिक शॉक के बारे में, जानिए क्या होते हैं इसके लक्षण और रोकथाम का तरीका

सेप्टिक शॉक जानलेवा होता है और इसके लिए तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. दरअसल सेप्टिक शॉक, सेप्सिस (sepsis) की सबसे गंभीर स्टेज होती है.

Explainer: क्या आप जानते हैं जानलेवा सेप्टिक शॉक के बारे में, जानिए क्या होते हैं इसके लक्षण और रोकथाम का तरीका
जानिए जानलेवा सेप्टिक शॉक के बारे में.

अगर आपके शरीर में कोई इंफेक्शन है तो उसे हल्के में ना लें उसका इलाज करवाएं. क्या आप जानते हैं सेप्टिक शॉक (Septic Shock) एक सीरियस मेडिकल कंडीशन है जो तब होती है जब आपके शरीर में किसी इंफेक्शन की वजह से ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है. इसके चलते अंगों में खून की सप्लाई कम हो जाती है और वो काम करना बंद कर देते हैं. सेप्टिक शॉक जानलेवा होता है और इसके लिए तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. दरअसल सेप्टिक शॉक, सेप्सिस (sepsis) की सबसे गंभीर स्टेज होती है.

सेप्टिक शॉक और सेप्सिस में क्या अंतर है? (Difference between Septic Shock and Sepsis?)

सेप्टिक शॉक सेप्सिस (Sepsis) की सबसे खतरनाक स्टेज होती है. सेप्सिस को तीन स्टेज में डिवाइड किया जा सकता है: सेप्सिस (Sepsis), सीवियर सेप्सिस (Severe sepsis) और सेप्टिक शॉक (Septic shock).

सेप्सिस (Sepsis): सेप्सिस जानलेवा होता है. यह तब होता है जब आपका इम्यून सिस्टम किसी इन्फेक्शन के प्रति ओवररिएक्ट करने लगता है.

गंभीर सेप्सिस (Severe sepsis): यह तब होता है जब सेप्सिस आपके अंगों को डैमेज करने लगता है. यह आमतौर पर लो ब्लड प्रेशर की वजह से होता है.

सेप्टिक शॉक (Septic shock): सेप्टिक शॉक सेप्सिस की आखिरी स्टेज होती है. जिसमें शरीर का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक गिर जाता है, भले ही खूब सारे IV फ्लूइड (intravenous) दिए जाएं.

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सेप्टिक शॉक के लक्षण और संकेत? (Signs and symptoms of septic shock?)

जैसा कि आपको बताया सेप्टिक शॉक सेप्सिस की तीसरी स्टेज है. सेप्सिस के शुरुआती लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: दिल की धड़कन तेज होना, फीवर या हाइपोथर्मिया (शरीर का कम तापमान), कंपकंपी या ठंड लगना, गर्म- नम या पसीने वाली त्वचा, कन्फ्यूजन (भ्रम) होना, हाइपरवेंटिलेशन (तेज सांस लेना) और सांस फूलना.

जब सेप्सिस सेप्टिक शॉक में बदल जाता है, तो आपको कुछ और लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जिनमें शामिल हैं: ब्लड प्रेशर बहुत गिर जाना, सिर चकराना, बहुत कम पेशाब आना या बिल्कुल पेशाब न आना, दिल की धड़कन बढ़ना, अंगों का ठंडा और पीला पड़ जाना, स्किन पर रैश आदि.

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सेप्टिक शॉक की वजह क्या होती है? (What causes septic shock?)

कोई भी इन्फेक्शन सेप्सिस की वजह बन सकता है जो बिगड़ने पर सेप्टिक शॉक में बदल सकता है. बता दें कि हर इन्फेक्शन सेप्सिस या सेप्टिक शॉक की वजह  नहीं बनता. लेकिन, अगर किसी इंफेक्शन की वजह से काफी सूजन (inflammation) हो जाती है, तो यह सेप्सिस में डेवलप हो सकता है. ज्यादातर कॉमन इंफेक्शन बैक्टीरिया से होते हैं, लेकिन वायरस और फंगस दोनों ही इंफेक्शन और सेप्सिस की वजह बन सकते हैं. शरीर में इंफेक्शन कहीं भी शुरू हो सकता है, लेकिन आम तौर पर यह फेफड़ों, मूत्राशय या पेट में शुरू होता है.

सेप्टिक शॉक के रिस्क फैक्टर क्या हैं? (Risk factors for septic shock?)

अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो सेप्टिक शॉक का रिस्क बढ़ जाता है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में शामिल हैं: नवजात शिशु, 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं, रीक्रिएशनल ड्रग का इस्तेमाल करने वाले लोग, आर्टिफिशियल जॉइंट या हार्ट वॉल्व वाले लोग आदि.

क्रोनिक मेडिकल कंडीशन वाले लोगों में भी सेप्सिस का रिस्क बढ़ जाता है. इन कंडीशन में शामिल हैं: एड्स, डायबिटीज, ल्यूकेमिया या लिम्फोमा और इम्यून डिसऑर्डर आदि
इसके अलावा, जिन लोगों को हाल ही में इंफेक्शन, सर्जरी, ट्रांसप्लांट या मेडिकल डिवाइस इम्प्लांट किए गए हैं, उनमें भी सेप्सिस का रिस्क बढ़ जाता है.

 
आप सेप्टिक शॉक को होने से कैसे रोक सकते हैं? (How can you prevent septic shock?)

अगर आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन (bacterial infection) हुआ है, तो तुरंत उसका इलाज करवाएं. एंटीबायोटिक्स इंफेक्शन को खत्म करने में मदद कर सकते हैं और सेप्सिस को होने से रोक सकते हैं, जिसके बढ़ने पर आपको सेप्टिक शॉक हो सकता है.

सेप्टिक शॉक एक बहुत ही सीरियस मेडिकल कंडीशन है, जिसकी वजह से मरीज का ब्रेन डैमेज, लंग फेल, हार्ट फेल, किडनी फेल, गैंगरीन और यहां तक की मौत भी हो सकती है. इसलिए बैक्टीरियल इन्फेक्शन का तुरंत इलाज कराएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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