गर्भ धारण करने से पहले कोविड-19 टीकाकरण कराना जल्द या देर से गर्भपात होने के खतरे को नहीं बढ़ाता है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. पत्रिका ‘ह्यूमन रिप्रोडक्शन' में पब्लिश रिसर्च में, गर्भ धारण करने की योजना बना रही महिलाओं के लिए कोविड टीकों की सुरक्षा पर गहरी अंतरदृष्टि डाली गई है.
अमेरिका स्थित बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में शोध का नेतृत्व करने वाली टीम को उम्मीद है कि ये नतीजे गर्भ धारण करने की योजना बना रही महिलाओं, और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वालों के लिए उपयोगी जानकारी मुहैया कर सकते हैं.
शोध टीम का नेतृत्व करने वाली एवं संस्थान में अध्ययन के समय पीएचडी की छात्रा रहीं जेनिफर वाईलैंड ने कहा कि ये नतीजे गर्भ धारण की योजना बना रहे दंपति के लिए आश्वस्त करने वाले हैं.
अध्ययन अमेरिका और कनाडा में 1,815 महिलाओं पर दिसंबर 2020 से नवंबर 2022 के बीच किया गया.
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गर्भ धारण की पुष्टि होने के पहले दिन से लेकर गर्भपात होने तक उनका अवलोकन किया गया. अध्ययन में शामिल की गईं महिला प्रतिभागियों में से 75 प्रतिशत ने गर्भ धारण करने से पहले कोविड की कम से कम एक खुराक ली थी.
शोधार्थियों ने कहा कि गर्भ धारण के बाद लगभग एक चौथाई महिलाओं का गर्भपात हो गया, और इन गर्भपात में से 75 प्रतिशत आठ हफ्ते की गर्भावस्था से पहले हुआ, लेकिन खतरा बढ़ा नहीं था.
टीकाकरण नहीं कराने वाली महिला प्रतिभागियों में गर्भपात का खतरा 26.6 प्रतिशत और गर्भ धारण करने से पहले टीके की एक खुराक ले चुकी महिला प्रतिभागियों में गर्भपात का खतरा 23.9 प्रतिशत था.
वहीं, गर्भ धारण करने से तीन महीने पहले टीके की सभी खुराक ले लेने वाली महिलाओं में गर्भपात का खतरा 22.1 प्रतिशत था.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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