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Haryana Polls 2024 : सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जमानत न मिलना आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हुआ है. हरियाणा चुनाव में कांग्रेस (Congress)से गठबंधन को लेकर बातचीत होनी है और उसके शीर्ष नेता जेल में हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी चाहकर भी कांग्रेस से बहुत ज्यादा बारगेन नहीं कर पा रही है. उधर, कांग्रेस की तरफ से भी यही दिक्कत है. अरविंद केजरीवाल के बाहर होने पर सीटों का फैसला आसान होता और झटपट फैसला हो सकता था, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नहीं रहने पर फैसला लेने में देरी हो रही है.
AAP की डिमांड
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सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी 12 से 15 सीटों की मांग कांग्रेस से कर रही है. इसमें भी उसकी मांग कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटें हैं. उधर, कांग्रेस की तरफ से 4-5 सीटों का ही ऑफर दिया जा रहा है. अरविंद केजरीवाल को अगर जमानत मिल गई होती तो कांग्रेस शायद कुछ सोचती भी. लेकिन अरविंद केजरीवाल के नहीं रहने पर इससे ज्यादा सीटें देकर रिस्क नहीं लेना चाहती.
राहुल गांधी का जोर
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फिलहाल स्थिति यह है कि दोनों दलों में असमंजस की स्थिति है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के जोर देने के बाद दोनों दलों के नेता बात तो कर रहे हैं, लेकिन दोनों तरफ से फैसला लेने से बचा जा रहा है. आम आदमी पार्टी इसे 10 सितंबर तक खींच रही है. उसे उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल को 10 सिंतबर को जमानत मिल सकती है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल के आने के बाद फैसला होने पर कांग्रेस पर दबाव बढ़ेगा. उधर, कांग्रेस की तरफ से भी लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है और 5 सीटों तक पर समझौते के लिए दवाब डाला जा रहा है.
इस पर फंसा हैं पेंच
हरियाणा में 5 सिंतबर से नामांकन शुरू हो गया है. 12 सितंबर अंतिम तारीख है. इसलिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों गठबंधन को लेकर अभी इंतजार के मूड में ही दिख रहे हैं. हालांकि, दोनों तरफ से गठबंधन को लेकर तय हो चुका है और मामला सिर्फ सीटों के बंटवारे को लेकर है. सबसे बड़ा पेंच दोनों दलों में ये है कि आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र की सीटें मांग रही हैं, वहीं कांग्रेस का कहना है कि वो तय सीटें नहीं दे सकती. गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी को हरियाणा की कोई भी सीट कांग्रेस दे सकती है. गठबंधन फाइनल होने तक कांग्रेस कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर सकती है.
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