पालनपुर (गुजरात):
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने गुरुवार को यह कहते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा कि भाजपा के कद्दावर नेता आम आदमी की कीमत पर अपना निजी एजेंडा पूरा कर रहे हैं।
पालनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान मोदी का नाम लिए बिना राहुल ने कहा, ‘‘कड़ी मेहनत आप करते हैं, पसीना आप बहाते हैं, लेकिन इसका श्रेय गुजरात में महज एक शख्स लेता है। आपकी ताकत क्या है? गुजरात की ताकत वह छोटा कारोबारी है जो बेल्जियम की अर्थव्यवस्था चलाता है। गुजरात के छोटे दस्तकार, आप बेल्जियम को चलाते हैं, लेकिन यहां आप ही की आवाज नहीं सुनी जाती।’’
गुजरात में गुरुवार को पहले दौर का मतदान हुआ दूसरे और अंतिम चरण का मतदान 17 दिसंबर को होगा।
राहुल ने अपने इस आरोप को दोहराया कि गुजरात में आम आदमी की आवाज पर पाबंदियां हैं। अमेठी से सांसद राहुल ने कहा, ‘‘गुजरात में गरीबों-मजलूमों की आवाज नहीं सुनी जाती। सिर्फ एक शख्स की आवाज सुनाई देती है और कॉरपोरेट क्षेत्र के दो-तीन बड़े लोग हैं जिनकी आवाज सुनाई देती है।’’
साफ तौर पर मोदी की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वह मानते हैं कि गुजरात में जो कुछ होता है, वही करते हैं। यहां जो भी प्रगति होती है उन्हीं के कारण होती है।’’ राहुल गुजरात में दूसरी दफा चुनाव प्रचार के सिलसिले में हैं।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘नेता का कर्तव्य लोगों के सपने को समझना और अपने सपनों को दरकिनार करना है गुजरात में सिर्फ एक आदमी का सपना मायने रखता है, आपके सपनों के बारे में तो पूछा तक नहीं जाता।’’ राहुल ने एक बार फिर कहा कि मोबाइल फोन लाकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ‘‘क्रांति’’ ला दी थी।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आपके पास एक मोबाइल फोन है। इसे कौन लेकर आया? राजीव जी, क्या हुआ था, एक क्रांति आई और आपकी आवाज सुनी जाने लगी, राजीव जी के साथ कौन खड़ा था, गुजरात के सैम पित्रोदा।’’ राहुल ने लोगों से सवाल किए, ‘‘मुझे बताइए कि आपको कितना पानी मयस्सर होता है? यहां के किसानों को कितना पानी मिलता है। क्या नौजवानों को रोजगार मिलता है?’’ इन सवालों के जवाब लोगों ने ‘‘नहीं’’ में दिए।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘आदिवासी, किसानों और मजदूरों की आवाज बुलंद करने की इजाजत नहीं है।’’
लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करने के लिए गुजरात सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर किए जाने वाले आवेदनों के जवाब जानबूझकर नहीं देती है और इसलिए भ्रष्टाचार की ओर किसी की नजर नहीं जाती।
राहुल ने कहा, ‘‘जब भ्रष्टाचार की बात हुई तो हम आरटीआई लेकर आए। आम आदमी इससे जान सकता है कि यहां क्या हुआ। यहां राज्य सरकार कहती है कि गुजरात के लोगों को इसकी (आरटीआई की) जरूरत नहीं है। कई आरटीआई आवेदन लंबित पड़े हैं, संसद में भाजपा ने जनलोकपाल विधेयक पर अड़ंगा लगा दिया और हमारे पास लोकायुक्त नहीं है।’’
देश के पहले केंद्रीय गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘जब हम खाद्य सुरक्षा का अधिकार विधेयक पेश कर सरदार पटेल का सपना पूरा करने की दिशा में आगे बढ़े तो भाजपा ने इसके आगे बाधाएं खड़ी कर दीं, वे गरीबों की आवाज दबाना चाहते हैं।’’ गौरतलब है कि मोदी अपने भाषणों में अक्सर सरदार पटेल का जिक्र करते हैं।
पालनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान मोदी का नाम लिए बिना राहुल ने कहा, ‘‘कड़ी मेहनत आप करते हैं, पसीना आप बहाते हैं, लेकिन इसका श्रेय गुजरात में महज एक शख्स लेता है। आपकी ताकत क्या है? गुजरात की ताकत वह छोटा कारोबारी है जो बेल्जियम की अर्थव्यवस्था चलाता है। गुजरात के छोटे दस्तकार, आप बेल्जियम को चलाते हैं, लेकिन यहां आप ही की आवाज नहीं सुनी जाती।’’
गुजरात में गुरुवार को पहले दौर का मतदान हुआ दूसरे और अंतिम चरण का मतदान 17 दिसंबर को होगा।
राहुल ने अपने इस आरोप को दोहराया कि गुजरात में आम आदमी की आवाज पर पाबंदियां हैं। अमेठी से सांसद राहुल ने कहा, ‘‘गुजरात में गरीबों-मजलूमों की आवाज नहीं सुनी जाती। सिर्फ एक शख्स की आवाज सुनाई देती है और कॉरपोरेट क्षेत्र के दो-तीन बड़े लोग हैं जिनकी आवाज सुनाई देती है।’’
साफ तौर पर मोदी की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वह मानते हैं कि गुजरात में जो कुछ होता है, वही करते हैं। यहां जो भी प्रगति होती है उन्हीं के कारण होती है।’’ राहुल गुजरात में दूसरी दफा चुनाव प्रचार के सिलसिले में हैं।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘नेता का कर्तव्य लोगों के सपने को समझना और अपने सपनों को दरकिनार करना है गुजरात में सिर्फ एक आदमी का सपना मायने रखता है, आपके सपनों के बारे में तो पूछा तक नहीं जाता।’’ राहुल ने एक बार फिर कहा कि मोबाइल फोन लाकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ‘‘क्रांति’’ ला दी थी।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आपके पास एक मोबाइल फोन है। इसे कौन लेकर आया? राजीव जी, क्या हुआ था, एक क्रांति आई और आपकी आवाज सुनी जाने लगी, राजीव जी के साथ कौन खड़ा था, गुजरात के सैम पित्रोदा।’’ राहुल ने लोगों से सवाल किए, ‘‘मुझे बताइए कि आपको कितना पानी मयस्सर होता है? यहां के किसानों को कितना पानी मिलता है। क्या नौजवानों को रोजगार मिलता है?’’ इन सवालों के जवाब लोगों ने ‘‘नहीं’’ में दिए।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘आदिवासी, किसानों और मजदूरों की आवाज बुलंद करने की इजाजत नहीं है।’’
लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करने के लिए गुजरात सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर किए जाने वाले आवेदनों के जवाब जानबूझकर नहीं देती है और इसलिए भ्रष्टाचार की ओर किसी की नजर नहीं जाती।
राहुल ने कहा, ‘‘जब भ्रष्टाचार की बात हुई तो हम आरटीआई लेकर आए। आम आदमी इससे जान सकता है कि यहां क्या हुआ। यहां राज्य सरकार कहती है कि गुजरात के लोगों को इसकी (आरटीआई की) जरूरत नहीं है। कई आरटीआई आवेदन लंबित पड़े हैं, संसद में भाजपा ने जनलोकपाल विधेयक पर अड़ंगा लगा दिया और हमारे पास लोकायुक्त नहीं है।’’
देश के पहले केंद्रीय गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘जब हम खाद्य सुरक्षा का अधिकार विधेयक पेश कर सरदार पटेल का सपना पूरा करने की दिशा में आगे बढ़े तो भाजपा ने इसके आगे बाधाएं खड़ी कर दीं, वे गरीबों की आवाज दबाना चाहते हैं।’’ गौरतलब है कि मोदी अपने भाषणों में अक्सर सरदार पटेल का जिक्र करते हैं।
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