राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में सुनाया भावुक किस्सा.
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने जीएस टीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि गुजरात के लोग आज भी उनकी मां सोनिया गांधी को अपनी बेटी मानते हैं. उन्होंने कहा कि पद से कुछ नहीं होता काम करने की भावना भी होनी चाहिए.
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राहुल गांधी से जब पूछा गया कि वो कोई ऐसा वाकया बताए जो गुजरात चुनाव के दौरान आपके साथ हुआ हो और आपको याद हो तो उन्होंने बताया ऐसे कई किस्से हैं. फिर राहुल ने बताया कि गुजरात के लोग आज भी उनकी मां सोनिया गांधी को अपनी बेटी मानते हैं. उन्होंने कहा कि जब एक मीटिंग के बाद वह मंदिर में गए तो वहां पर पुजारी ने मुझे शॉल दिया और कहा कि ये मेरी बेटी के लिए. राहुल ने कहा कि ये अपनी बेटी के लिए शॉल मुझे क्यों दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि ये मेरी बेटी सोनिया के लिए है. पुजारी ने कहा कि जब वह अमेरिका जाएंगी तो ये शॉल उनके साथ भेजना और अमेरिका जाकर मुझे फोन करना. फिर मुझे लगा कि मैं मां (सोनिया गांधी) की बात उनसे करानी चाहिए.
तब मैंने मां को फोन किया और उन्हें बताया कि पुजारी उनसे बात करेंगे. पहले तो उन्हें समझ नहीं आया लेकिन जब मैंने उन्हें बताया तो वह उनसे बात करने के लिए तैयार हो गई. इस बातचीत के दौरान पुजारी की आंखों में आंसू थे और मुझे भी अंदर से रोना आ रहा था.
गुजरात चुनाव: अहमदाबाद में राहुल गांधी बोले- मंदिर जाना मना है क्या?, पीएम मोदी पर किए ये 6 वार
जब राहुल से पूछा गया कि परदादा, दादा, दादी, पिता और मां ने पार्टी के अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली है. अब आपको ये जिम्मेदारी मिली है तो आप देश के लिए क्या करना चाहेंगे. तो उन्होंने कहा कि देश को दिल की गहराई से सोचना-समझना चाहिए और मदद हमेशा दिल से की जाती है. अगर आपके पास कोई पद है लेकिन कुछ करने की भावना नहीं है तो आप कुछ नहीं कर सकते. इसलिए पद जरूरी नहीं है काम करने की भावना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान दिनभर काम करता है. अगर आप उससे हाथ मिलाएंगे तो उसका दर्द आपको पता लगेगा. लेकिन सिर्फ उनके साथ फोटो लेने से कुछ नहीं होगा.
VIDEO:पीएम मोदी के सी-प्लेन दौरे पर बोले राहुल, यह मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश
बुधवार को राहुल ने कहा कि क्या उनका मंदिरों में जाना मना है? उन्होंने कहा कि मंदिरों में जाना उन्हें बेहद अच्छा लगा और वह जिस किसी मंदिर में गए, वहां गुजरात के सुनहरे भविष्य के लिए प्रार्थना की. एक संवाददाता ने जब विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान गुजरात के मंदिरों में जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "क्या मंदिरों में जाने से मुझे मना किया गया है?" उन्होंने कहा, "हमने इस बार यात्रा शुरू की है..मैं जिस किसी मंदिर में गया, मैंने गुजरात के सुनहरे भविष्य के लिए प्रार्थना की, ताकि राज्य के युवाओं और किसानों का भविष्य उज्जवल हो."
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राहुल गांधी से जब पूछा गया कि वो कोई ऐसा वाकया बताए जो गुजरात चुनाव के दौरान आपके साथ हुआ हो और आपको याद हो तो उन्होंने बताया ऐसे कई किस्से हैं. फिर राहुल ने बताया कि गुजरात के लोग आज भी उनकी मां सोनिया गांधी को अपनी बेटी मानते हैं. उन्होंने कहा कि जब एक मीटिंग के बाद वह मंदिर में गए तो वहां पर पुजारी ने मुझे शॉल दिया और कहा कि ये मेरी बेटी के लिए. राहुल ने कहा कि ये अपनी बेटी के लिए शॉल मुझे क्यों दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि ये मेरी बेटी सोनिया के लिए है. पुजारी ने कहा कि जब वह अमेरिका जाएंगी तो ये शॉल उनके साथ भेजना और अमेरिका जाकर मुझे फोन करना. फिर मुझे लगा कि मैं मां (सोनिया गांधी) की बात उनसे करानी चाहिए.
तब मैंने मां को फोन किया और उन्हें बताया कि पुजारी उनसे बात करेंगे. पहले तो उन्हें समझ नहीं आया लेकिन जब मैंने उन्हें बताया तो वह उनसे बात करने के लिए तैयार हो गई. इस बातचीत के दौरान पुजारी की आंखों में आंसू थे और मुझे भी अंदर से रोना आ रहा था.
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जब राहुल से पूछा गया कि परदादा, दादा, दादी, पिता और मां ने पार्टी के अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली है. अब आपको ये जिम्मेदारी मिली है तो आप देश के लिए क्या करना चाहेंगे. तो उन्होंने कहा कि देश को दिल की गहराई से सोचना-समझना चाहिए और मदद हमेशा दिल से की जाती है. अगर आपके पास कोई पद है लेकिन कुछ करने की भावना नहीं है तो आप कुछ नहीं कर सकते. इसलिए पद जरूरी नहीं है काम करने की भावना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान दिनभर काम करता है. अगर आप उससे हाथ मिलाएंगे तो उसका दर्द आपको पता लगेगा. लेकिन सिर्फ उनके साथ फोटो लेने से कुछ नहीं होगा.
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बुधवार को राहुल ने कहा कि क्या उनका मंदिरों में जाना मना है? उन्होंने कहा कि मंदिरों में जाना उन्हें बेहद अच्छा लगा और वह जिस किसी मंदिर में गए, वहां गुजरात के सुनहरे भविष्य के लिए प्रार्थना की. एक संवाददाता ने जब विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान गुजरात के मंदिरों में जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "क्या मंदिरों में जाने से मुझे मना किया गया है?" उन्होंने कहा, "हमने इस बार यात्रा शुरू की है..मैं जिस किसी मंदिर में गया, मैंने गुजरात के सुनहरे भविष्य के लिए प्रार्थना की, ताकि राज्य के युवाओं और किसानों का भविष्य उज्जवल हो."
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