
Pitru Paksha 2020: श्राद्ध या पितृ पक्ष 1 सितंबर 2020 से आरंभ हो रहे हैं. यह 1 सितंबर से लेकर 16 सितंबर तक चलेंगे और 17 सितंबर आमावस्या से खत्म हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते क्योंकि पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण किया जाता है और उन्हें स्मरण कर, आभार प्रकट किया जाता है. पितृ पक्ष में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. तभी पूजा का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष का वर्णन आता है. इसका अर्थ ये होता है कि पितरों की नाराजगी. पूर्वज जब नाराज होते हैं. तो व्यक्ति के जीवन में बहुत कष्ट सहन करने पड़ते हैं. धनहानि, रोग, कार्य में बाधा और मान सम्मान में कमी आ सकती है. मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति सही फैसले नहीं ले पाता है. इस तरह की दिक्कतें पितृ दोष के कारण जीवन में हो सकती हैं.
क्यों मनाया जाता है श्राद्ध पक्ष
ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं, इसलिए पितृ पक्ष में तर्पण और श्राद्ध के साथ दान करने का विधान बताया गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आर्शीवाद प्रदान करते हैं.
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श्राद्ध में कैसा भोजन बनाएं?
ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध का भोजन बहुत ही साधारण और शुद्ध होना चाहिए वरना आपके पूर्वज उस खाने को ग्रहण नहीं करते और आपको श्राद्ध पूजा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता श्राद्ध के भोजन में खीर पूरी अनिवार्य होती है. जौ, मटर और सरसों का उपयोग कना श्रेष्ठ माना जाता है. ज्यादा पकवान पितरों की पसंद करने के लिए होने चाहिए. गंगाजल, दूध, शहद, कुश और तिल सबसे ज्यादा ज़रूरी है. तिल ज़्यादा होने से उसका फल ज्यादा मिल सकता है. तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करने में मदद कर सकता हैं.
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श्राद्ध के भोजन में क्या नहीं बनाना चाहिए?
श्राद्ध और पितर पूजा में चना, मसूर, उड़द, कुलथी, सत्तू, मूली, काला जीरा कचनार, खीरा, काला उड़द, काला नमक, लौकी,प्याज और लहसन, सरसों, काले सरसों की पत्ती और बासी, खराब अन्न, फल और मेवे का उपयोग नहीं करना चाहिए
ब्राह्मणों के भोजन करने का आसान कैसा हो?
ब्राह्मणों को भोजन कराते समय खासतौर पर इस बात का ध्यान रखें कि ब्राह्मण की बठने की जगह साफ हो रेशमी, ऊनी, लकड़ी, कुश जैसे आसन पर ही बैठाएं.
ऐसी मान्यता है कि लोहे के आसन पर ब्राह्मणों को कभी न बैठाना चाहिए
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है
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