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This Article is From Sep 19, 2019

खून की कमी से डेंगू का खतरा हो सकता है ज्यादा, बीमारी होने पर क्या खाएं और क्या न खाएं

Dengue Treatment : उत्तराखंड में डेंगू लगातार बढ़ता ही जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैं. इस बीमारी की चपेट में कितने लोग हैं, इसका सही आंकड़ा बताने को कोई तैयार नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि डेंगू से बीमार लोगों की संख्या हजारों में हैं

खून की कमी से डेंगू का खतरा हो सकता है ज्यादा, बीमारी होने पर क्या खाएं और क्या न खाएं

जिन लोगों के खून में आयरन की कमी होती है उनसे मच्छरों के जरिये दूसरे लोगों को डेंगू के इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है विशेषज्ञों ने बताया कि बीमारी के दौरान आयरन का सेवन करने वाले रोगी मच्छरों के काटने से होने वाले इस रोग के फैलने को बढ़ने से रोक सकते हैं। डेंगू के कुछ मामलों में रोगी का सही समय पर इलाज नहीं होने से मौत तक हो जाती है। नेचर माइक्रोबायोलॉजी पत्रिका में छपे एक अध्ययन के अनुसार डेंगू के जिन रोगियों के खून में आयरन का स्तर अधिक होता है उनका खून चूसने वाले मच्छरों के जरिये आगे वायरस का इंफेक्शन होने की आशंका कम होती है। हालांकि, डेंगू मरीजों को बुखार के दौरान और उसके बाद भी किसी खास तरह का खाना देने की बात नहीं की जाती है। किसी अन्‍य बुखार की ही तरह इसमें भी मरीज की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और कोई भी खाना आसानी से नहीं पचता। ऐसे में मरीज को ऐसा खाना खाना चाहिए जो पचने में तो आसान हो, साथ ही पौष्टिक भी हो। तो जानिए डेंगू में क्या खाएं और क्या न खाएं -

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Dengue Fever Causes : लगातार बढ़ रहे डेंगू से सावधानियां ही हैं बचाव. 

डेंगू में इन चीजों को खाएं -

अनार : अनार पोषक तत्वों और मिनरल से भरपूर होता है जो शरीर को आवश्यक एनर्जी प्रदान करता है। अनार के सेवन से थकावट और थकान कम हो जाती है। अनार आयरन युक्त होता है जो बॉडी के ब्‍लड के लिए काफी फायदेमंद होता है। प्लेटलेट्स के गिरते लेवल को भी कम करता है जो डेंगू के लिए सही माना जाता है। 

पपीता का पत्ता : पपीता का पत्ता डेंगू के लिए सबसे फायदेमंद माना जाता है। यह एंजाइमों से भरपूर होता है, जो डाइजेशन में हेल्‍प करता है। पपीता का पत्ता शरीर के प्लेटलेट्स बढ़ाने में हेल्प करता है। पेट को फूलने और डाइजेशन  संबंधी बीमारियों से भी बचाता है। ताजा और हरा पपीता का रस डेंगू में सबसे ज्यादा असरदार होता है। पपीता के पत्ते का रस भी बॉडी में लगभग 30 मिली प्लेटलेट्स  काउंट बढ़ाने में मदद करता है।


नारियल का पानी : डेंगू होने पर डॉक्टर सबसे पहले बोलते हैं कि जितना हो सके लिक्विड़ और पानी का सेवन करे। नारियल पानी भी उसी क्रम में आता है। नारियल का पानी इलेक्ट्रोलाइट्स और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो डेंगू में शरीर के लिए हेल्पफुल माना जाता है।

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Dengue Mosquito : नारियल पानी में कैलोरी की मात्रा कम होने से वजन घटाने में मदद करता है।

संतरा : डेंगू में शरीर को विटामिन की खास जरुरत होती है, और संतरा इसका सरल उपाय है। जी हां संतरे में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके रस से डेंगू वायरस के इलाज और उसे खत्म करने में भी मदद मिलता है।

पालक : किसी भी फल और सब्जी के पत्ते शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। पालक भी उन्हीं में से एक है। पालक में आयरन काफी मात्रा में होता है। पालक डेंगू के बुखार में काफी हद तक सुधार करता है। यह प्लेटलेट लेवल को बढ़ाने में भी मदद करता है। 

हल्दी : हल्दी जितनी मामूली दिखती है उतना होती नहीं है। हल्दी तकरीबन हजारों उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है साथ में इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते है। हल्दी एंटीसेप्टिक से भरपूर होती है। यही वजह है कि इसका महत्व अधिक होता है। डेंगू होने पर इसे दूध में मिलाकर पीने से शरीर को खासा फायदा होता है। यह दूध के साथ तेजी से डेंगू में शरीर को हेल्प करता है। 

मेथी : मेथी भी शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है। डेंगू होने पर शरीर को सबसे अधिक आराम चाहिए होता है। मेथी इसके लिए बेस्ट मानी जाती है। मेथी के सेवन से डेंगू में नींद अच्‍छी आती है। साथ ही यह बुखार को स्थिर करने के लिए भी जानी जाती है।

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Dengue Fever Prevention Food :मेथी  का उपयोग कई तरह से किया जाता है और यह सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है

ब्रोकली : ब्रोकली विटामिन का एक बेहतर स्रोत है। ब्रोकली प्लेटलेट्स को बनाने में हेल्‍प करती है। अगर प्लेटलेट काउंट में तेज गिरावट है, तो ब्रोकली को डेंगू के रोगी को दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए।


क्या न खाएं -
ऑइली फूड : ज्यादा तेल या फ्राइड चीजों को खाने से बचें। ऐसी चीजों में फैट की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाते हुए बीपी को प्रभावित करती है। ये दोनों चीजें इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डाल शरीर की ठीक होने की प्रक्रिया को स्लो कर देती हैं।

स्पाइसी फूड : डेंगू होने पर पेट और पाचन क्रिया बहुत सेंसेटिव हो जाते हैं, ऐसे में ज्यादा स्पाइसी फूड से न सिर्फ ऐसिडिटी, गैस की समस्या हो सकती है बल्कि अल्सर भी हो सकते हैं। इनके कारण शरीर के इम्यून सिस्टम को अलग-अलग भागों को ठीक करने की प्रक्रिया में लगना पड़ेगा, जो डेंगू के बैक्टीरिया से निपटने की प्रक्रिया को धीमा करते हुए मरीज को ज्यादा दिनों तक बीमार रखेगा।

​कैफीन : कैफीन युक्त ड्रिंक्स से हार्ट रेट बढ़ने से लेकर मसल्स ब्रेकडाउन तक की समस्या हो सकती है। इससे शरीर को डेंगू के वायरस से लड़ने में परेशानी होती है। इसका अर्थ होता है कि मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लगेगा।

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