ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के इन नौ दिनों के लिए देवी अपने भक्तों के बीच पृथ्वी पर आती हैं. कई भक्त इन दिनों मांसाहारी भोजन और शराब के सेवन से भी बचते हैं. वहीं जो लोग नवरात्रि व्रत का पालन करते हैं वे हल्का और सात्विक भोजन करते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत चुनते हैं जिसमें पूरा दिन पानी की एक बूंद भी नहीं पीते. गर्भवती महिलाओं, बूढ़ों और बच्चों को इस तरह के सख्त उपवास पर रहने की सलाह नहीं दी जाती है.
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जैसाकि हम पहले ही बता चुके हैं कि नवरात्रि साल में दो बार आते हैं, दोनों ही बार ऋतु परिवर्तन का समय होता है. यह वह समय होता है जब हमें हमारे शरीर को आने वाले मौसम के लिए तैयार करना होता है - यह शरीर को डिटॉक्स करने का एक तरीका है क्योंकि हम इस दौरान सभी प्रकार के अनाज को छोड़ देते हैं और इसकी जगह ग्लूटन फ्री चीजों का सेवन करते हैं. इस समय हमारा मन प्रार्थना और ध्यान में लग जाता है. यह प्रक्रिया हमारे सिस्टम को अगले मौसम के लिए पूरी तरह तैयार कर देती है. उपवास आमतौर पर सेवन किए जाने वाले अनाज जैसे राजगीरा, कुट्टू, सिंघारा, समक चावल सभी ग्लूटन फ्री हैं और आयरन, जिंक, मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के समृद्ध स्रोत हैं. फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होने के साथ नियमित अनाज की तुलना में इनमें अधिक प्रोटीन होता है.
इस तरह के व्रत को 'फलाहार व्रत' (या फलाहार) कहा जाता है. जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, वे पूरा दिन किसी भी अनाज का सेवन नहीं करते हैं. यह लोग आमतौर पर फल, दूध और दूध से बने उत्पाद ही खाते हैं. ऐसे ही लोगों का एक वर्ग और है जो अपने फलाहारी व्रत के भोजन में आलू भी शामिल करते है, यह पूरी तरह आपकी पसंद पर निर्भर करता है. व्रत के भोजन में मसाले बहुत कम होते हैं और यह पूरी तरह सात्विक होता है. खाना पकाने के लिए सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है. फलों का रस, ताजा छाछ और नारियल पानी मुख्य पेय हैं. यहां हम बात करने जा रहे हैं कि आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए फलाहार व्रत के लिए पौष्टिक रूप से पर्याप्त और स्वस्थ भोजन की योजना कैसे बनाएं.
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दूध और दूध से बने उत्पाद
दूध और दुग्ध उत्पाद फलाहारी भोजन की आधारशिला हैं. डेयरी उत्पाद हमारे शरीर को महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं.
वे कैल्शियम और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के समृद्ध स्रोत हैं. कैल्शियम न सिर्फ हड्डी और दांतों के स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
फल
फल आवश्यक पोषक तत्वों के अच्छे स्रोत हैं जिनकी हमारे शरीर को कार्य करने के लिए जरूरत होती है. पर्याप्त फलों का सेवन बेहतर स्वास्थ्य और पुरानी बीमारियों से सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. फलहार नवरात्रि व्रत में फल खाने के स्वास्थ्य लाभ हैं:
फलों में मौजूद नैचुरल मिठास तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है लेकिन अन्य पोषक तत्वों के साथ, उन्हें एक आदर्श स्नैक भी बनाती है.
फलों में पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.
नट्स और सीड्स
इन छोटे-छोटे नट्स में पोषण का खजाना होता है. यहां देखें फलाहार नवरात्रि व्रत में नट और सीड्स लेने के स्वास्थ्य लाभ:
नट्स और सीड्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं, यहां तक कि इनकी थोड़ी सी मात्रा में तृप्ति और परिपूर्णता का एहसास होता है.
स्वस्थ वसा जैसे मोनोअनसैचुरेटेड वसा और ओमेगा -3, जो हमें हृदय रोगों और मधुमेह से बचाते हैं. इनमें बहुत कुछ होता है इसलिए विवेकपूर्ण तरीके से इनका सेवन किया जाना चाहिए.
ये कोलेस्ट्रॉल फ्री हैं.