Gas acidity aur kabj me imli khane ke fayde : पेट का हाल बेहाल रहना एक आम समस्या है. किसी को बार-बार गैस बनने लगती है, तो कोई कब्ज से परेशान है, और कई लोग एसिडिटी (Acidity) से जूझ रहे हैं. अगर आप भी इन्हीं परेशानियों से घिरे हैं और अंग्रेजी दवाइयों से थक चुके हैं, तो आपके किचन में रखी खट्टी-मीठी इमली (Tamarind) इन तीनों समस्याओं का घरेलू और असरदार इलाज हो सकती है. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. ये वही इमली है जो चटनी का स्वाद बढ़ाती है या साउथ इंडियन डिश में डाली जाती है. इमली सिर्फ स्वाद के लिए नहीं है, बल्कि यह एक जबरदस्त सुपरफूड भी है जो आपके पाचन तंत्र को एकदम दुरुस्त कर सकती है. तो आइए, जानते हैं इमली में ऐसा क्या है जो आपको गैस, कब्ज और एसिडिटी से चुटकियों में राहत दे सकता है.
1. कब्ज की छुट्टी कर देती है इमली
जब बात कब्ज (Constipation) की आती है, तो इमली को एक नेचुरल लैक्सेटिव (Natural Laxative) माना जाता है. यानी यह पेट साफ करने का एक नैचुरल तरीका है.
कैसे करती है काम
फाइबर का खजानाइमली में डाइटरी फाइबर (Dietary Fiber) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. यह फाइबर पेट में जाकर स्पंज की तरह पानी सोख लेता है और मल (Stool) को नरम और भारी बना देता है.
जब मल नरम हो जाता है, तो यह हमारी आंतों (Intestines) से आसानी से आगे बढ़ जाता है, जिससे पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है. अगर आप लगातार कब्ज से जूझ रहे हैं, तो इमली का पानी या चटनी खाने से आपको बड़ी राहत मिल सकती है.
2. गैस और पेट फूलने की समस्या में राहत
गैस (Gas) या पेट फूलना (Bloating) तब होता है जब हमारा खाना ठीक से पच नहीं पाता. इमली के अंदर कई ऐसे गुण होते हैं जो इस समस्या को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं.
कैसे करती है काम
इमली में टार्टरिक एसिड (Tartaric Acid) और मैलिक एसिड (Malic Acid) जैसे प्राकृतिक एसिड होते हैं. ये एसिड हमारे पाचन एन्जाइम्स (Digestive Enzymes) को एक्टिवेट करते हैं, जिससे खाना जल्दी और अच्छी तरह से पचता है.
जब पाचन सही होता है, तो पेट में खाना सड़ता नहीं है और इस वजह से फालतू की गैस बनने की गुंजाइश भी कम हो जाती है. इसीलिए साउथ इंडिया में इमली का इस्तेमाल रसम (Rasam) बनाने में होता है, जो खाना पचाने के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है.
3. खट्टी इमली, एसिडिटी में भी देती है आराम
अक्सर लोगों को लगता है कि खट्टी चीजें खाने से एसिडिटी और बढ़ जाती है, लेकिन इमली के साथ मामला थोड़ा अलग है.
कैसे करती है काम
ठंडक का एहसासइमली की तासीर (nature) ठंडी मानी जाती है. जब आपको एसिडिटी होती है, तो पेट में जलन महसूस होती है. इमली का शरबत या हल्का पानी इस जलन को शांत करने में मदद करता है और पेट को ठंडक देता है.
पेट का बैलेंसयह शरीर के पीएच स्तर (pH Level) को बैलेंस करने में भी मदद करती है. हालांकि यह कोई सीधा एंटासिड (Antacid) नहीं है, लेकिन इसका सही मात्रा में सेवन करने से पाचन इतना सुधर जाता है कि एसिडिटी की समस्या खुद-ब-खुद कम होने लगती है.
इमली खाने का सही तरीका
इमली का फायदा लेने के लिए आपको बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. आप इन तरीकों से इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं-
इमली का पानीरात को थोड़ी सी इमली भिगो दें और सुबह मसलकर उसका पानी पी लें. यह कब्ज के लिए बेहतरीन है.
चटनीखाने के साथ इमली की चटनी खाएं. यह स्वाद और सेहत दोनों के लिए अच्छी है.
रसम/सांभरइसे अपने खाने का हिस्सा बनाएं, यह खाने को पचाने में बहुत मदद करेगी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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