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This Article is From Sep 05, 2017

Ganesh Visarjan 2017: जानिए विसर्जन से पहले क्यों चढ़ाए जाते हैं गणपति बप्पा को ये खास पकवान

गणेश चतुर्थी का पर्व समाप्त होने को है और गणपति बप्पा कैलाश पर्वत लौटने को तैयार हैं. पिछले 10 दिनों से जारी गणेश चतुर्थी का पर्व इस बार 25 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर तक चला.

Ganesh Visarjan 2017: जानिए विसर्जन से पहले क्यों चढ़ाए जाते हैं गणपति बप्पा को ये खास पकवान
भगवान गणेश को समृद्धि और भाग्य का अग्रदूत माना जाता है
Quick Take
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गणपति बप्पा कैलाश पर्वत लौटने को तैयार हैं.
गणपति के भक्त बेहद ही खुशी के साथ बप्पा को उनके घर के विदा करते हैं.
उत्तारांग पूजा में पांच चीजों को मुख्य रूप से शामिल किया जाता है.
गणेश चतुर्थी का पर्व समाप्त होने को है और गणपति बप्पा कैलाश पर्वत लौटने के लिए तैयार हैं. पिछले 10 दिनों से जारी गणेश चतुर्थी का पर्व इस बार 25 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर तक चला. भगवान गणपति के भक्त बेहद ही खुशी और उल्लास के साथ बप्पा को उनके घर के लिए विदा करते हैं. बप्पा के विसर्जन के साथ उनके भक्त यह उम्मीद भी करते हैं कि वह अगले बरस उनके घर फिर से आएंगे. भगवान गणेश को खुशी, समृद्धि और भाग्य का अग्रदूत माना जाता है, पूरे भारत में उनके भक्त उन्हें शानदार तरीके से विदा करते हैं. जिन भक्तों ने अपने घरों में गणपति की मूर्ति की स्थापना की होती है वे लोग अनंत चर्तुदशी के दिन पानी में बप्पा की मूर्ति का विसर्जन करते हैं जिसका मतबल होता है कि भगवान गणेश के भक्तों ने उन्हें वापस उनके घर भेज दिया है.

भगवान गणेश के भक्त इन दिनों अपने घरों में इसलिए उनकी मूर्ति की स्थापना करते हैं ताकि उनपर सदैव बप्पा की कृपा बनी रहे. वहीं जिस उत्साह के साथ भक्तजन बप्पा को घर लाते हैं उतनी ही खुशी के साथ वे लोग उन्हें विदा भी करते हैं. 5 सितंबर को पूरी विधि-विधान के साथ उनकी मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा.

Ganesh Visarjan 2017: बप्पा को लगाया जानें वाला भोग
गणपति भगवान का विसर्जन करने से पहले उत्तारांग पूजा में पांच चीजों को मुख्य रूप से शामिल किया जाता है जिसमें दीप, गंध, नैवेद्य, धूप और पुष्प होते हैं जिन्हें काफी अहम माना जाता है. ये बिल्कुल ठीक विसर्जन से पहले भगवान को चढ़ाकर प्रार्थना की जाती है. नैवेद्य का वास्तविक अर्थ होता है भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोग भोजन जिसे बाद में भक्तों द्वारा प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. यह भोग पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी होता है जिसमें पके हुए खाने के साथ गन्ना और फल भी शामिल होते हैं. ऐसी कुछ खाने की चीजें शेफ मंजुषा ने बताई है जिन्हें बप्पा को भोग लगाया जा सकता है.

वरण भात
वरण भात का मतलब मराठी में दाल चावल होता है. पारंपरिक रूप से वरण तूअर और अरहर दाल में नमक, हल्दी डालकर तैयार किया जाता है. थोड़ी सी मिठास देने के लिए इसमें गुड़ भी डाला जाता है. भात चावलों को उबालकर बनाया जाता है.
 
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वरण भात का मतलब मराठी में दाल चावल होता है

तोंडली भात
तोंडली भात कुंदरू से बनाया जाता है, जिसमें काफी मसाले डाले जाते हैं. इसमें दालचीनी, लौंग, तिल और नारियल डालकर तैयार किया जाता है.

बटाटा वांगी
बटाटा वांगी एक रस वाली सब्जी होती है जो महाराष्ट्र में काफी प्रसिद्ध है जिसे नैवेद्यम के लिए बनाया जाता है. बटाटा का अर्थ आलू होता है और वांगी का बैंगन और रस का मतलब करी होता है. इस रस वाली सब्जी को आलू, नारियल और मसालों के साथ तैयार करके चावल और रोटी के साथ परोसा जाता है.
 
eggplant
बटाटा वांगी एक रस वाली सब्जी होती है

उकडीचे मोदक
मोदक को गणेश चतुर्थी में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे नैवेद्यम में शामिल किया जाता है. उकडीचे मोदक की बाहरी परत चावल के आटे से तैयार की जाती और इसके अंदर गुड़ और नारियल की फीलिंग भरकर तैयार किया जाता है.

पूरन पोली
महाराष्ट्र में अक्सर खास मौके और त्योहारों पर पूरन पोली बनाई जाती है. कई महाराष्ट्रीयन घरों में भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए लोग 10 दिनों तक पूरन पोली का भोग लगाते हैं. इसी के साथ भोग में मोदक और नारियल के लड्डू भी चढ़ाए जाते हैं, मगर पूरन पोली भगवान गणेश को लगाए जाने वाले भोग में सबसे खास है. पूरन पोली को मैदे से तैयार किया जाता है जिसमें मीठी दाल और गुड़ भरा जाता है.
 
puran poli
महाराष्ट्र में अक्सर खास मौके और त्योहारों पर पूरन पोली बनाई जाती है.

श्रीखंड
श्रीखंड एक स्वीट डिश है जिसे दही, इलाइची और केसर के साथ तैयार किया जाता है. आप चाहे तो इसे स्ट्रॉबेरी, आम या अन्य फलों के फ्लेवर में भी बना सकते हैं.

 

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