न्यूयॉर्क:
रोज़ाना हेल्दी फूड लेना और एक्सरसाइज़ करना मतलब आप मोटापे और डायबिटीज़ के खतरे को कम कर रहे हैं। ऐसा करने से आपका ग्लूकोज लेवल तो नियंत्रण में रहता ही है, साथ ही आपका बॉडी स्ट्रक्चर, फिजिकल एक्टिविटी और बॉडी सिस्टम भी बेहतर होता है।
एक शोध से पता चला है कि अच्छा खाना और एक्सरसाइज़, टाइप-2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। वहीं, अगर बूढ़े लोगों की बात की जाए, तो उनमें ऊर्जा की कमी और उम्र संबंधी परेशानियों को देखते हुए इस बीमारी का ठीक हो पाना थोड़ा मुश्किल है।
टेक्सास की बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन से संबंद्ध इस अध्ययन की मुख्य लेखिका अलेक्जेंड्रा सेली के अनुसार “बूढ़े लोगों में काम न करने की वज़ह से टाइप-2 डायबिटीज़ होती है, जिसके साथ मोटापा और उम्र संबंधी कई कारक भी जुड़े हैं”। सेली ने आगे बताते हुए कहा कि “मोटापा, डायजेस्टिव सिस्टम (पाचन क्रिया) और बॉडी पर बुरा असर डालता है, जिसकी वज़ह से उनका लाइफस्टाइल भी प्रभावित होता है”।
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 65 से 85 साल की उम्र वाले बूढ़ों पर करीब छह महीने तक परीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उनके खाने और लाइफस्टाइल में सीमित हस्तक्षेप किए थे। निष्कर्षों के अनुसार, उन्होंने पाया कि “अच्छा खाना केवल युवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि बूढ़ों के लिए भी काफी लाभदायक है। इससे वे डायबिटीज़ के साथ अपने मोटापे पर भी काबू पा सकते हैं”।
एक शोध से पता चला है कि अच्छा खाना और एक्सरसाइज़, टाइप-2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। वहीं, अगर बूढ़े लोगों की बात की जाए, तो उनमें ऊर्जा की कमी और उम्र संबंधी परेशानियों को देखते हुए इस बीमारी का ठीक हो पाना थोड़ा मुश्किल है।
टेक्सास की बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन से संबंद्ध इस अध्ययन की मुख्य लेखिका अलेक्जेंड्रा सेली के अनुसार “बूढ़े लोगों में काम न करने की वज़ह से टाइप-2 डायबिटीज़ होती है, जिसके साथ मोटापा और उम्र संबंधी कई कारक भी जुड़े हैं”। सेली ने आगे बताते हुए कहा कि “मोटापा, डायजेस्टिव सिस्टम (पाचन क्रिया) और बॉडी पर बुरा असर डालता है, जिसकी वज़ह से उनका लाइफस्टाइल भी प्रभावित होता है”।
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 65 से 85 साल की उम्र वाले बूढ़ों पर करीब छह महीने तक परीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उनके खाने और लाइफस्टाइल में सीमित हस्तक्षेप किए थे। निष्कर्षों के अनुसार, उन्होंने पाया कि “अच्छा खाना केवल युवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि बूढ़ों के लिए भी काफी लाभदायक है। इससे वे डायबिटीज़ के साथ अपने मोटापे पर भी काबू पा सकते हैं”।
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