
Dussehra 2017: इस त्योहार को विजयादशमी भी कहा जाता है.
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दशहरे का त्योहार जल्द ही आने वाला है.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार दशहरे के पर्व को बहुत ही अहम माना जाता है.
दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
लोकप्रिय आस्था के अनुसार, भगवान राम ने 10 दिनों तक अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए रावण ये युद्ध किया जिसमें वह पराजित हुआ, रावण ने सीता का अपहरण किया था. भगवान राम की यह जीत बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस त्योहार के दौरान पूरे भारत में अलग-अलग जगहों पर रामलीला और नाटकों का आयोजन किया जाता है. दशहरे से नौ दिन पहले नवरात्रि का पर्व होता है जिसमें लोग देवी दुर्गा की पूजा कर उपवास करते हैं.
पूर्व में 9 दिन के बाद दशहरा दुर्गा पूजा के समारोह की समाप्ति का प्रतीक है, इस पर्व को भी बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है. देवी दुर्गा ने लोगों की रक्षा के लिए राक्षस महिषासुर का वध किया था. दक्षिण भारत में इस दौरान देवी दुर्गा और देवी चामुंडेश्वरी की पूजा की जाती है, जिन्होंने लोगों की रक्षा के लिए महिषासुर और असुरों की सेना को चामुंडा की पहाड़ियों में युद्ध कर पराजित किया था. इस दौरान देवी दुर्गा के साथ देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है. इस दिन नदी और समुद्र किनारे भव्य जूलूस देखे जाते हैं, जहां बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता हैं.
Dussehra 2017: दशहरा शुभ मुहूर्त और तिथि
इस साल दशहरा 30 सितंबर (शनिवार) को मनाया जाएगा. दशमी तिथि की शुरूआत 29 सितंबर रात 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 1 अक्टूबर रात 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगी.
विजय मुहूर्त समय 2:08 बजे से दोपहर 2:55 बजे तक है
अपराह्न पूजा समय 1:21 से 3:42 बजे तक है
भारत में कोई भी त्योहार मिठाई के बिना अधूरा माना जाता है. दशहरे के मौके पर भी लड्डू, बर्फी, रसगुल्ला, खीर, हलवा जैसी ढेर सारी स्वादिष्ट और पारंपरिक मिठाईयों का मजा लिया जाता है.
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