
बुधवार को सर्वोच्च कंज्यूमर कोर्ट ने कहा कि वह 8 अक्टूबर को होने वाले नेस्ले के नूडल्स मैगी के ताज़ा टेस्ट पर उसकी दलील सुनेगा और इस महीने के आखिर तक स्विस कंपनी के खिलाफ एक्शन लेगा। केंद्र सरकार द्वारा नेस्ले इंडिया के खिलाफ अनुचित व्यापार कार्य प्रणाली के चलते शुरुआती सुनवाई के बाद ही यह फैसला लिया गया।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से उपस्थित, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने फ्रेश टेस्ट पेश करने के लिए आयोग से और समय मांगा। इस दौरान मार्किट से मैगी के अलग-अलग 27 सील बंद नमूनों का टेस्ट किया जाएगा, जिस पर मैगी ने पहले आपत्ति जताई थी।
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जैन के साथ वकील मृणालिनी सेन गुप्ता और प्रभसहाय कौर ने उन अलग-अलग नमूने को पेश किया, जो वे कोर्ट में जाने से पहले टेस्ट कराना चाहते थे। लेकिन 5 नेस्ले का वकील यह जानना चाहते थे कि वे कहां से लिए गए थे, प्रोडक्ट 5 जून को बाजार से वापिस लिए गए थे।
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगी की पीठ के जज वी. के जैन और जज बी. सी गुप्ता ने कहा कि कोर्ट नेस्ले इंडिया के ताज़े परिक्षणों पर दलील सुनने के लिए 8 अक्टूबर को फिर से मिलेगी।
आयोग ने यह सवाल भी उठाया कि नेस्ले इंडिया को अपने ही प्रोडक्ट की जांच कराने में क्यों समस्या हो रही है और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, “सरकार खुद उत्पाद नहीं बना रही है।”
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सुनवाई के दौरान नेस्ले इंडिया ने कहा कि कंपनी को अकेले बाहर कर दिया गया है और उसके प्रतिद्वंवी ब्रांड की कोई जांच नहीं की गई। सरकार द्वारा किए गए कुछ परीक्षण रिपोर्ट जो कोर्ट में दायर करने से पहले आवेदन में से गायब थे और उन पर “लागू नहीं” लिखा गया था, का जवाब देते हुए नेस्ले के वकील ने कहा कि वह उत्पाद कंपनी के पास है और उन्हें उत्पादन की जरूरत है।
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