पुणे:
यहां के यरवदा केंद्रीय कारागार में सजा काट रहे संजय दत्त को कागज के थैले बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें 25 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक दिए जाने की उम्मीद है। जेल के आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
वर्ष 1993 के मुंबई आतंकी हमलों में कथित संलिप्तता के आरोप में संजय को 42 महीने कैद की सजा मिली है।
जेल के एक अधिकारी ने कहा कि संजय को अच्छी गुणवत्ता वाले छह से आठ किलोग्राम वजन का सामान समाने लायक कागज के थैले बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
संजय को उनकी मेहनत के लिए 25 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाएगा। उनकी योग्यता और कार्य की गुणवत्ता के आधार पर पारिश्रमिक हालांकि 40 रुपये प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है।
अधिकारी ने संकेत किया कि सुरक्षा कारणों से संजय दत्त अधिकतम सुरक्षा बंदोबस्त के बीच अपनी जेल की कोठरी के अंदर ही यह कार्य करेंगे।
इससे पहले संजय ने कठिन मेहनत वाले काम दिए जाने का आग्रह किया था, जिससे कि उनका स्वास्थ्य ठीक रह सके, लेकिन सुरक्षा कारणों से उनके आग्रह को ठुकरा दिया गया।
एक दशक पहले जेल में अपनी सजा काटने के दौरान संजय को बेंत की कुर्सी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था, जिसे वह जेल की कोठरी से बाहर ही किया करते थे।
वर्ष 1993 के मुंबई आतंकी हमलों में कथित संलिप्तता के आरोप में संजय को 42 महीने कैद की सजा मिली है।
जेल के एक अधिकारी ने कहा कि संजय को अच्छी गुणवत्ता वाले छह से आठ किलोग्राम वजन का सामान समाने लायक कागज के थैले बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
संजय को उनकी मेहनत के लिए 25 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाएगा। उनकी योग्यता और कार्य की गुणवत्ता के आधार पर पारिश्रमिक हालांकि 40 रुपये प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है।
अधिकारी ने संकेत किया कि सुरक्षा कारणों से संजय दत्त अधिकतम सुरक्षा बंदोबस्त के बीच अपनी जेल की कोठरी के अंदर ही यह कार्य करेंगे।
इससे पहले संजय ने कठिन मेहनत वाले काम दिए जाने का आग्रह किया था, जिससे कि उनका स्वास्थ्य ठीक रह सके, लेकिन सुरक्षा कारणों से उनके आग्रह को ठुकरा दिया गया।
एक दशक पहले जेल में अपनी सजा काटने के दौरान संजय को बेंत की कुर्सी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था, जिसे वह जेल की कोठरी से बाहर ही किया करते थे।
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