यह ख़बर 14 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रिव्यू : 'मोड़' को 3 स्टार

खास बातें

  • 'मोड़' इत्मीनान से और दिल से फिल्म देखने वालों के लिए है। फिल्म में आयशा टाकिया का परफॉरमेंस काफी अच्छा है।
Mumbai:

डायरेक्टर नागेश कुकनूर की फिल्म 'मोड़' कहानी है हिल स्टेशन पर रहने वाली अरण्या यानी आयशा टाकिया की, जो घड़ी की दुकान चलाती है। तभी घड़ी सुधरवाने के बहाने हर रोज एक सीधा-साधा लड़का एंडी, अरण्या के पास आने लगता है। दोनों प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन एक दिन अरण्या को पता चलता है कि एंडी तो सालों पहले मर चुका है। रहस्य की जड़ें अरण्या की स्कूल लाइफ तक जाती हैं, लेकिन सस्पेंस नहीं बताऊंगा आपको। 'मोड़' साल 2007 की ताईवानी फिल्म 'कीपिंग वॉच' की हिन्दी रीमेक है। शुरुआत में तो फिल्म धीमी है, पर जब सस्पेंस खुलने लगता है, तो कहानी दिल छू लेती है। शुरुआत में एंडी के जिस दब्बूपन को देखकर चिढ़ आती है, सस्पेंस खुलने के बाद उसी से सहानुभूति हो जाती है। फिल्म में आयशा टाकिया का परफॉरमेंस काफी अच्छा है। हालांकि एंडी की मेडिकल प्रॉब्लम और ट्रीटमेंट की आथेंटिसिटी पर दिमाग सवाल खड़े कर सकता है, लेकिन 'मोड़' इत्मीनान से और दिल से फिल्म देखने वालों के लिए है। इसके लिए मेरी रेटिंग 3 स्टार।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com