जिस काम पर भरोसा होता है वही करती हैं राधिका आप्टे, फिर परिणाम की चिंता नहीं करतीं

जिस काम पर भरोसा होता है वही करती हैं राधिका आप्टे, फिर परिणाम की चिंता नहीं करतीं

राधिका आप्टे की फाइल फोटो.

मुंबई:

'फोबिया, 'बदलापुर' और 'मांझी-द माउंटेन मैन' जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में महिलाओं की भूमिकाओं के महत्व को बदलने वाली अभिनेत्री राधिका आप्टे सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार रखने से कभी नहीं कतरातीं.

राधिका का मानना है कि वह हमेशा वहीं काम करती हैं, जहां उन्हें भरोसा होता है और वह इसके परिणामों की भी चिंता नहीं करतीं. लैक्मे फैशन वीक (एलएफडब्ल्यू) विंटर/फेस्टिव 2016 में राधिका को डिजाइनर सरोज जालान के लिए शोस्टॉपर के तौर पर रैंप पर चलते देखा गया.

नतीजों की परवाह नहीं
सामाजिक मुद्दों पर उनके विचारों के लिए नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने से होने वाली घबराहट के बारे में पूछे जाने पर राधिका ने कहा, "अगर आप कुछ नहीं भी कहेंगे, तो भी आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी. इसलिए, आप लोगों की नकारात्मक बातों से नहीं डर सकते. मैं दोतरफा बातें नहीं करती. इसलिए, जिस पर भरोसा करती हूं, वही काम करती हूं."

राधिका ने कहा, "मुझे और भी अधिक विकास करना है. एक कलाकार के तौर पर यह तो अभी मेरी शुरुआत है. कुछ फिल्में मैं चुनौती के कारण करती हूं और कुछ के कारण अलग हैं. आशा है कि मुझे और भी अधिक फिल्में करने का अवसर मिले." अभिनेत्री का मानना है कि वह अभी लोकप्रियता के उच्च स्तर तक नहीं पहुंची हैं. उन्हें नहीं लगता कि दुनियाभर में हर जगह लोग उन्हें पहचानते हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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