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पहलाज निहलानी की जगह अब प्रसून जोशी होंगे सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष.
नई दिल्ली:
यूं तो सेंसर बोर्ड हमेशा से ही फिल्मों को काटने-छांटने जैसे मुद्दो को लेकर चर्चा में आता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में सेंसर बोर्ड ने जितनी सुर्खियां बटोरी उसका सारा क्रेडिट जाता है सेंसर बोर्ड के 'पूर्व' अध्यक्ष पहलाज निहलानी को. जनवरी 2015 में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बने निहलानी की 'संस्कारी' कैंची का शिकार कई फिल्में हुई हैं. कभी किसी फिल्म के प्रोमो में नजर आए 'इंटरकोर्स', 'गाय', 'पंजाब' जैसे शब्दों को हटाने की बात हो या फिर किसी फिल्म के सीन्स को काटने की, निहलानी की नजर से कोई नहीं बच सका है. शुक्रवार को पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है, और उनकी जगह गीतकार और एड गुरु प्रसून जोशी को नया अध्यक्ष बनाया गया है.
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ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री से लेकर बॉलीवुड के कई फैन्स इस फैसले पर अपनी खुशी जता चुके हैं. निहलानी खुद 'अंदाज', 'हथकड़ी', 'शोला और शबनम' और दिल तेरा दीवाना' जैसी फिल्में प्रोड्यूज कर चुके हैं. निहलानी ने सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनते ही पहला काम ऐसे शब्दों की एक जिस्ट जारी की थी जिन्हें फिल्मों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
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सेंसर बोर्ड द्वारा काटे-छांटे जाने वाली फिल्मों की फेहरिस्त वैसे तो काफी लंबी है. यहां हम कुछ फिल्मों का जिक्र कर रहे हैं जिन्हें निहलानी के 'कोप का भाजन' बनना पड़ा था.
बदलापुर (फरवरी 2015)
वरुण धवन और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यह फिल्म उन पहली फिल्मों में से एक थी जिसे पहलाज निहलानी की कैंची का सामना करना पड़ा था. 
एनएच 10 (मार्च 2015)
यह अनुष्का के प्रोडक्शन की पहली फिल्म थी. शुरुआत में बोर्ड ने इस फिल्म को बैन किया था और बाद में इसे 9 कट और 'ए' सर्टिफिकेट के साथ रिलीज किया था. 
बॉम्बे वेलवेट (मई, 2015)
अपने बैन शब्दों की लिस्ट के अनुसार निहलानी चाहते थे कि इस फिल्म के टाइटल से 'बॉम्बे' शब्द हटा दिया जाए. 
उड़ता पंजाब (जून, 2016)
अनुराग कश्यप की इस फिल्म के लिए सुनाया गया सेंसर बोर्ड का फरमान एतिहासिक था. इस फिल्म में सेंसर बोर्ड ने 89 कट्स और टाइटल समेत पूरी फिल्म से 'पंजाब' शब्द को हटाने की बात कही थी. 
हरामखोर (जनवरी, 2017)
पहलाज निहलानी ने श्वेता त्रिपाठी और नवाजुद्दीन की इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से ही मना कर दिया था. जबकि खुद निहलानी की प्रोड्यूज की गई फिल्म 'अंदाज' में भी टीचर और स्टूडेंट के रोमांटिक रिश्ता दिखाया गया था. 
लिपस्टिक अंडर माई बुर्का (जुलाई, 2017)
निहलानी ने इस फिल्म को 'असंस्कारी' घोषित कर दिया था. सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को भारत में बैन कर दिया था और आखिरकार कोर्ट के दखल के बाद यह फिल्म भारत में रिलीज हो सकी. 
इसके अलावा इस साल 'जब हैरी मेट सेजल', 'फुल्लू', 'इंदु सरकार' जैसी हालिया फिल्में हैं जिन्हें सिनेमाघरों तक पहुंचने के लिए निहलानी से लोहा लेना पड़ा था. यहां हम आपको यह भी बता दें कि 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' जैसी फिल्म 'संस्कारी निहलानी' की टीम की कैंची से बड़ी आसानी से निकल कर थिएटर्स तक पहुंच गई थी.
VIDEO:पहलाज निहलानी की सेंसर बोर्ड से छुट्टी, प्रसून जोशी होंगे नए चेयरमैन
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री से लेकर बॉलीवुड के कई फैन्स इस फैसले पर अपनी खुशी जता चुके हैं. निहलानी खुद 'अंदाज', 'हथकड़ी', 'शोला और शबनम' और दिल तेरा दीवाना' जैसी फिल्में प्रोड्यूज कर चुके हैं. निहलानी ने सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनते ही पहला काम ऐसे शब्दों की एक जिस्ट जारी की थी जिन्हें फिल्मों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
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सेंसर बोर्ड द्वारा काटे-छांटे जाने वाली फिल्मों की फेहरिस्त वैसे तो काफी लंबी है. यहां हम कुछ फिल्मों का जिक्र कर रहे हैं जिन्हें निहलानी के 'कोप का भाजन' बनना पड़ा था.
बदलापुर (फरवरी 2015)
वरुण धवन और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यह फिल्म उन पहली फिल्मों में से एक थी जिसे पहलाज निहलानी की कैंची का सामना करना पड़ा था.
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एनएच 10 (मार्च 2015)
यह अनुष्का के प्रोडक्शन की पहली फिल्म थी. शुरुआत में बोर्ड ने इस फिल्म को बैन किया था और बाद में इसे 9 कट और 'ए' सर्टिफिकेट के साथ रिलीज किया था.
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बॉम्बे वेलवेट (मई, 2015)
अपने बैन शब्दों की लिस्ट के अनुसार निहलानी चाहते थे कि इस फिल्म के टाइटल से 'बॉम्बे' शब्द हटा दिया जाए.
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उड़ता पंजाब (जून, 2016)
अनुराग कश्यप की इस फिल्म के लिए सुनाया गया सेंसर बोर्ड का फरमान एतिहासिक था. इस फिल्म में सेंसर बोर्ड ने 89 कट्स और टाइटल समेत पूरी फिल्म से 'पंजाब' शब्द को हटाने की बात कही थी.
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हरामखोर (जनवरी, 2017)
पहलाज निहलानी ने श्वेता त्रिपाठी और नवाजुद्दीन की इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से ही मना कर दिया था. जबकि खुद निहलानी की प्रोड्यूज की गई फिल्म 'अंदाज' में भी टीचर और स्टूडेंट के रोमांटिक रिश्ता दिखाया गया था.
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लिपस्टिक अंडर माई बुर्का (जुलाई, 2017)
निहलानी ने इस फिल्म को 'असंस्कारी' घोषित कर दिया था. सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को भारत में बैन कर दिया था और आखिरकार कोर्ट के दखल के बाद यह फिल्म भारत में रिलीज हो सकी.
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इसके अलावा इस साल 'जब हैरी मेट सेजल', 'फुल्लू', 'इंदु सरकार' जैसी हालिया फिल्में हैं जिन्हें सिनेमाघरों तक पहुंचने के लिए निहलानी से लोहा लेना पड़ा था. यहां हम आपको यह भी बता दें कि 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' जैसी फिल्म 'संस्कारी निहलानी' की टीम की कैंची से बड़ी आसानी से निकल कर थिएटर्स तक पहुंच गई थी.
VIDEO:पहलाज निहलानी की सेंसर बोर्ड से छुट्टी, प्रसून जोशी होंगे नए चेयरमैन
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